रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी के मीडिया प्रमुखों से चर्चा की और उनसे महत्वपूर्ण सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना को हराने में किसी भी तरह से फंड्स की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य में सबके सहयोग से कोरोना को जल्द से जल्द हराना है। इसमंे समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ प्रेस और मीडिया के योगदान को भी भुलाया नही जा सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में प्रेस और मीडिया की भूमिका बहुत अहम है।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के आते ही स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए हर संभव पहल की गई और मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में कई गुना की वृद्धि की गई है। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर सतत निगरानी रखते हुए हर आवश्यक संसाधन की व्यवस्था तत्परता से की जा रही है। यही वजह है कि राज्य में वर्तमान में आईसीयू बेड, एचडीयू बेड तथा ऑक्सीजन बेड पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2018 में 279 बेड थे, जिसे बढ़ाकर 729 कर दिया गया है। ऑक्सीजन बेड 1242 से बढ़ाकर 7042 तक पहुंचाया गया है। पहले एचडीयू बेड एक भी नही था, परंतु अभी 477 एचडीयू बेड है। प्रदेश के अस्पतालों में 15001 जनरल बेड थे, जिसे बढ़ाकर 29667 तक कर दिया गया है। प्रदेश में 2018 के अंत में 204 वेंटिलेटर्स थे, जिसे बढ़ाकर 593 कर दिया गया है। इस तरह राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में कई गुना की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमण से बचाव और इसके रोकथाम के लिए हर आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके तहत कोरोना की दवाईयों के किट ग्रामीण इलाकों में लोगों के घर-घर तक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे संक्रमण रोकने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 6 लाख 39 हजार 696 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 5 लाख 9 हजार 622 लोग रिकवर कर चुके हैं। वर्तमान में एक लाख 22 हजार 963 लोग एक्टिव संक्रमित है। एक्टिव पेशेंट अनुपात 19.22 प्रतिशत के आसपास है, वहीं रिकवरी की दर 79.67 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री बघेल ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ कोविड वैक्सीनेशन के मामले में देश के कई विकसित और साधन सम्पन्न राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। प्रदेश में 53 लाख से ज्यादा डोज वैक्सीन के लग चुके हैं और देश के बड़े राज्यों में हमारा स्थान दूसरा हैं। छत्तीसगढ़ में आगामी 1 मई से हम एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश के 18 वर्ष से लेकर 44 वर्ष तक के लोगों को मुफ्त में कोविड वैक्सीन लगाएंगे और इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक दोनों को 25-25 लाख वैक्सीन डोज अर्थात कुल 50 लाख डोज के लिए आदेश भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने कोरोना की इस लड़ाई में फंड्स की कमी नही होने देने का संकल्प लिया है। राज्य में इन दो वर्षों में स्वास्थ्य बजट में 880 करोड़ रूपए, एसडीआरएफ में इस वर्ष 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। यहां जनता ने बढ-चढ़कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता की है, जो सरकार पर जनता के अटूट भरोसे का परिचायक है। इस कोष से हमने अभी तक 73 करोड़ 53 लाख रूपए कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए जिलों को जारी कर चुके हैं। इस तरह अब तक 1003 करोड़ 53 लाख रूपए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगा चुके हैं। वहीं अब भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में 53 करोड़ 88 लाख रूपए जमा है। उनका उपयोग भी कोविड की लड़ाई में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा करते हुए कहा कि प्रेस और मीडिया लोकतंत्र के फ्रंट लाईन वर्कर हैं। आज कोविड आपदा के बीच भी वे ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के संबंध में मृत्यु, अंतिम संस्कार, दवाओं, ऑक्सीजन आदि के बारे में कई भ्रॉमक खबरें काफी वायरल होती है, जिसका नकारात्मक प्रभाव जनता पर पड़ता है। ऐसे हालात में उन्होंने मीडिया से लोगों के भ्रम और भय को दूर करने तथा मरीजों के मनोबल बढ़ाने वाले खबर के लिए अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पत्रकारों की सूची स्थानीय जनसम्पर्क कार्यालय में अपडेट करवा दें, ताकि यदि कोई पत्रकार कोविड पीड़ित हुआ तो उसे आर्थिक सहायता एवं मदद प्रदान की जा सके।
इस अवसर पर सचिव जनसम्पर्क डी.डी.सिंह तथा मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी तथा रूचिर गर्ग उपस्थित थे।