मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि राज्य में लॉकडाउन को 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया जाएगा। लॉकडाउन 30 अप्रैल तक है। गौरतलब है कि प्रदेश में सख्ती के बावजूद कई जिलों में कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस वजह से लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक, 30 अप्रैल तक लॉकडाउन है, मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने कहा है कि उसे बढ़ाना चाहिए। 15 दिनों तक तो जरूर बढ़ेगा। करीब छह महीने में अगर वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरा करना है तो दो करोड़ टीकाकरण हर महीने होना जरूरी है। राज्य में टीकाकरण करने लिए सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में करीब 13,000 संस्था उपलब्ध है। हमे जितनी वैक्सीन चाहिए नहीं मिल रही है। अगर वैक्सीन आयात भी करनी है तो मंत्रिमंडल ने करने का निर्णय लिया है। स्पुतनिक से भी मुख्यमंत्री चर्चा कर रहे हैं। ये चर्चा अगर अंतिम रूप लेती है तो हम महाराष्ट्र में तीन वैक्सीन लेकर टीकाकरण करने जा रहे हैं।
देशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच जहां लोगों को अस्पतालों में उपचार नहीं मिल रहा है वहीं, इससे मरने वाले लोगों के शवों तक से न्याय नहीं किया जा रहा। महाराष्ट्र के बीड़ में ऐसा ही दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले 22 लोगों के शवों को एक ही एंबुलेंस में भरकर श्मशान ले जाया गया। जिला प्रशासन ने इसके लिए एंबुलेंस की कमी को रोना रोया है। यह घटना बीड़ के अंबाजोगाई स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ ग्रामीण राजकीय चिकित्सा कालेज की है। इस मामले में मेडिकल कालेज के डीन डाक्टर शिवाजी शुक्रे ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त एंबुलेंस नहीं हैं, जिस कारण ऐसा हुआ। उनके पास पिछले साल कोरोना के पहले दौर में पांच एंबुलेंस थी। उनमें से तीन को बाद में वापस ले लिया गया। अब दो एंबुलेंस को कोरोना संक्रमितों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोखंडी सवारगांव के कोरोना केंद्र से भी शवों को हमारे अस्पताल में भेजा रहा है क्योंकि उनके पास कोल्ड स्टोरेज नहीं है। उन्होंने तीन और एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए 17 मार्च को जिला प्रशासन को पत्र लिखा था।
अव्यवस्था से बचने के लिए हमने अंबाजोगाई नगर परिषद को पत्र लिखा था कि सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक अंतिम संस्कार कराए जाएं और अस्पताल वार्ड से ही शवों को श्मशान भेजा जाए। अंबाजोगाई नगर परिषद के मुख्य अधिकारी अशोक साबले ने कहा कि शवों को मांडवा रोड पर स्थित श्मशान ले जाना मेडिकल कालेज की जिम्मेदारी है। नगर परिषद के अध्यक्ष राजकिशोर उर्फ पापा मोदी ने भी घटना को लेकर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि उसी दिन एक और एंबुलेंस में आठ शवों को श्मशान ले जाया गया। हम मेडिकल कालेज को एक एंबुलेंस मुहैया करा रहे हैं। दो अन्य एंबुलेंस जिला प्रशासन की ओर से उपल्बध कराई जाएगी।