त्रिपुरा। रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान आयोजित शादी समारोह में छापा मार कर उत्पात मचाने वाले पश्चिमी त्रिपुरा के डीएम शैलेश कुमार यादव पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है। पद के नशे में चूर डीएम ने जिस तरह संभ्रांत परिवारों के शादी समारोह में हंगामा मचाया और महिलाओं से अभद्रता की वैसी मिसाल मिलना मुश्किल है। इंटरनेट मीडिया के जरिये करतूत उजागर होने पर इस आइएएस अफसर की देश भर में थू-थू हो रही है। लगभग साढ़े पांच मिनट के वीडियो को देखने से यह लग ही नहीं रहा कि भारत का कोई ‘लोकसेवक’ ऐसा भी कर सकता है।
डीएम के आचरण का संज्ञान लेते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने घटना की जांच के लिए समिति बना दी है। सरकार ने अपने विधायकों को भेज कर वर और वधू पक्ष से डीएम के आचरण को लेकर माफी भी मांगी है। कुछ हल्कों में चर्चा है कि डीएम को निलंबित कर दिया गया है लेकिन अभी इस बात की अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है।
गौरतलब है कि राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कोरोना के मद्देनजर अगरतला नगर निगम क्षेत्र में रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कफ्र्यू लगाया है। सार्वजनिक स्थानों के लिए गाइडलाइंस भी जारी की गई है।
उप्र के अंबेडकरनगर जिले के मूल निवासी डीएम शैलेश कुमार यादव ने सोमवार देर रात शहर के दो विवाह मंडपों में छापेमारी की। राइफल और डंडों से लैस पुलिस वालों को लेकर शैलेश ने मंडप में घुसते ही गाइडलाइंस के उल्लंघन की बात कहकर मेहमानों पर चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। लोगों को झापड़ मार रहे डीएम को जब लड़की की मां ने शादी समारोह की अनुमति का कागज पकड़ाया तो उन्होंने उसे फाड़ कर महिला के मुंह पर ही उछाल दिया।
इस बीच डीएम के साथ चल रहे सिपाही, लोगों पर डंडे बरसाने लगे। डीएम ने शादी के मंडप में बैठे पंडित को भी नहीं बख्शा और थप्पड़ मारकर भगा दिया। इसके बाद महिलाओं के कमरे में घुसकर अनाप-शनाप किसी को जंगली तो किसी गंवार कहना शुरू कर दिया। दोस्तों के साथ बैठे दूल्हे को गर्दन पकड़ कर बाहर की ओर धक्का दिया। स्टेज पर बैठी दुल्हन को भी डीएम ने खदेड़ दिया। टेबिल पर बैठे खा-पी रहे लोगों पर डंडे चटकने लगे।
डीएम एक-एक मेहमान पर कभी अंग्रेजी तो कभी हिंदी में गरजते रहे। किसी पर लोकसेवक के काम में बाधा डालने तो किसी को नाइट कफ्र्यू के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए डीएम ने एक-एक मेहमान का मानमर्दन किया। सकते में आए एक बुजुर्ग मेहमान ने जब बात संभालने के लिए मिन्नत की तो डीएम ने साथ चल रहे सिपाहियों को उन्हें हिरासत में लेने का हुक्म सुना दिया। दो सिपाहियों ने फौरन बुजुर्ग को दबोच लिया। बुजुर्ग की पत्नी ने जब उन्हें छोड़ने की चिरौरी की तो उनके साथ भी डीएम ने बदतमीजी कर दी।
पूरे कार्यक्रम को तहस-नहस कर डीएम जब लान में पहुंचे तो एक सज्जन ने उन्हें कार्यक्रम में देर होने की वजह बतानी शुरू की तो उन्हें भी हिरासत में लेने का हुक्म सुना दिया गया। जब उनकी पत्नी ने मिन्नत की और भैया कहकर संबोधित किया तो उसे भी पब्लिक सर्विस में बाधा डालने का दोषी ठहरा दिया। हालत यह थी जो भी डीएम के करीब अपनी बात कहने जा रहा था अपमानित हो रहा था। महिला हो या पुरुष, जवान हो या बुजुर्ग सबके साथ बदसलूकी होती रही।
निर्धारित सीमा से कम थे मेहमान
इस घटना में यह भी बता चला है कि कि मेहमानों की संख्या मात्र 33 थी। यह निर्धारित 50 मेहमानों की संख्या से कम थी। किसी कारण से बरात लेट होने से कार्यक्रम 10 बजे के बाद भी चलता रहा। यह बात समझाए जो पर भी डीएम का ताव ठंडा नहीं हुआ और 19 महिलाओं सहित 31 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
मजे की बात है डीएम की इस सारी करतूत को उनका ही कोई मातहत वीडियो में कैद करता रहा। वीडियो बनाने वाले का मकसद शायद डीएम को सिंघम साबित करने का होगा लेकिन इस घटनाक्रम पर जो देशव्यापी प्रतिक्रिया हुई उससे आइएएस बिरादरी भी अपने इस सदस्य के आचरण पर शर्मसार है।
भोपाल में तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि सेवा में आने पर हमें लोकसेवक होने का बोध कराया जाता है। लेकिन लोकसेवक के नाम पर शैलेश यादव जैसे लोगों का चयन होने से ऐसा प्रतीत होता है कि संघ लोक सेवा आयोग को अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आइएएस बिरादरी से भी ऐसे बददिमाग अफसर की सार्वजनिक भर्त्सना करनी चाहिए नहीं तो लोग सभी अफसरों को शैलेश यादव जैसा ही मानने लगेंगे।
भाजपा विधायकों ने विरोध जताया
मामले की जानकारी होने पर भाजपा विधायकों ने डीएम की हरकत पर विरोध जताया और मुख्यमंत्री को घटना से अवगत कराया।