भिलाई में कोरोना वारियर्स की मेहनत का ही नतीजा है कि अब ये संक्रमण कंट्रोल में है। 41 वर्षीय कोसा नगर निवासी वीरेंद्र वहाने कोरोनावायरस से ग्रसित हो गए, इसके चलते उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी । 14 अप्रैल को जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई तब उन्होंने चंदूलाल चंद्राकर कचांदूर कोविड केयर सेंटर की ओर रुख किया । उनका तत्काल एडमिशन लिया गया और ऑक्सीजन देते हुए इलाज प्रारंभ किया गया । अब वहाने पूरी तरह स्वस्थ है।
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वीरेंद्र ने अपनी पूरी कहानी बताई । उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को जब वे भर्ती हुए उनकी स्थिति नाजुक थी . वीरेंद्र को लगा कि अब शायद बचना मुश्किल है । यह बहुत ही कठिन परिस्थिति थी, 14, 15 एवं 16 अप्रैल को मानो एक पल के लिए लगा कि कभी भी सांसें उखड़ सकती है । वीरेंद्र ने कहा कि बहुत ही मुश्किल से यह 3 दिन गुजरे, मेरी स्थिति बहुत भयावह थी! तब मेरा उपचार चल रहा था, उसी समय मेडिकल स्टाफ एवं नर्सिंग की टीम ने हौसला अफजाई करते हुए उपचार जारी रखा । 17 अप्रैल से बेहतर लगने लगा । मेडिकल टीम पर मैंने पूरा भरोसा किया, उन्होंने मेरा मनोबल बढ़ाया! इन सभी प्रयासों से मुझे हिम्मत मिली और आज मैं स्वस्थ होकर घर जा रहा हूं! ऑक्सीजन लेवल में पूरी तरह इंप्रूवमेंट हुआ है! चंदूलाल चंद्राकर केयर सेंटर की सभी प्रकार की व्यवस्था उचित है! मेरी देखभाल और इलाज के लिए जो भी बेहतर कर सकते थे मेडिकल स्टाफ ने किया, मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं!इसी तरह से नफीस अहमद 18 अप्रैल को भर्ती हुए थे! नफीस अहमद ने बताया कि इलाज में स्टाफ एवं नर्सिंग मेंबर ने पूरा सहयोग किया। समय पर मेडिसिन उपलब्ध कराया । लगातार देखभाल करते हुए चेक करते रहे । जिसका असर यह हुआ कि मैं 4 दिनों में ही पूर्ण रूप से अच्छा महसूस करने लगा हूं ।अशोक बारले 14 अप्रैल को चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर में भर्ती हुए । सांस में तकलीफ होने के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही थी । गले में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था । चंदूलाल चंद्राकर केयर सेंटर पहुंचते ही उपचार मिलना प्रारंभ हुआ । मेडिकल टीम ने पूरा सपोर्ट दिया । समय पर भोजन और दवाई मिलते रहा! उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें कुछ तकलीफ हुई तत्काल मेडिकल टीम ने सहायता की! उन्हें कभी भी यह नहीं लगा कि किसी अस्पताल में भर्ती हूं! घर जैसा माहौल मिला, अब पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहा हूं! उन्होंने इसके लिए कोरोना वारियर्स का आभार जतायादीपक साहू उम्र 41 वर्ष उतई के निवासी है, कोरोनावायरस की चपेट में आ गए! जैसे ही 16 अप्रैल को उन्हें पता चला कि उन्हें कोविड पॉजिटिव हुआ है, उन्होंने बिना देरी किए अपना ऑक्सीजन लेवल चेक किया। उस समय ऑक्सीजन लेवल गिरकर 75 हो चुका था! उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया।हेल्पलाइन से उन्हे उचित सलाह मिली और ऑक्सीजन की जरूरत बताकर शीघ्र अस्पताल में भर्ती होने कहा गया! स्थानीय चिकित्सक ने बताया कि ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था कचांदूर वहां पर उपलब्ध हो जाएगी, क्योंकि कचांदूर में ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था का बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है ।सलाह के आधार पर उतई के चिकित्सक ने एंबुलेंस की व्यवस्था करवाकर तत्काल चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर के लिए साहू को रवाना किया! जैसे ही दीपक साहू कचांदूर पहुंचे, वहां तत्काल भर्ती करते हुए चिकित्सकों ने ऑक्सीजन देते हुए एंटी डोज इंजेक्शन एवं उपचार शुरू किया गया। ऑक्सीजन मिलने से 2 दिन में बहुत बड़ा इंप्रूवमेंट देखने को मिला। ऑक्सीजन लेवल 75 से बढ़कर 93 हो चुका है। तब दीपक साहू ने चिकित्सक स्टाफ सहित पूरी टीम को धन्यवाद दिया! उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की महत्वपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध होने से आज ऑक्सीजन लेवल में इंप्रूवमेंट हुआ है, बहुत बड़ा खतरा टल गया है, आज मैं स्वस्थ होने की कगार पर हूं। उन्होंने आगे कहा कि तत्काल उपचार की सुविधा कोविड केयर सेंटर में मिल रही है। सभी चिकित्सक एवं स्टाफ ने मुझे पूरा सपोर्ट दिया है! यह कहानी बताती है कि ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर बिना देरी किए अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल में ऑक्सीजन मिलने पर रिकवरी की संभावना तेजी से बढ़ती है! कोविड के मरीजों को ऑक्सीजन लेवल का खासा ध्यान रखना होता है! सैचुरेशन लेवल, ऑक्सीजन लेवल की निगरानी रखनी है बहुत आवश्यक है ।बड़ी ख़बर : भारत का एक और गांव जहाँ नही है कोई भी कोरोना केस, जाने क्या है वजह…
वीरेंद्र ने अपनी पूरी कहानी बताई । उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को जब वे भर्ती हुए उनकी स्थिति नाजुक थी . वीरेंद्र को लगा कि अब शायद बचना मुश्किल है । यह बहुत ही कठिन परिस्थिति थी, 14, 15 एवं 16 अप्रैल को मानो एक पल के लिए लगा कि कभी भी सांसें उखड़ सकती है । वीरेंद्र ने कहा कि बहुत ही मुश्किल से यह 3 दिन गुजरे, मेरी स्थिति बहुत भयावह थी! तब मेरा उपचार चल रहा था, उसी समय मेडिकल स्टाफ एवं नर्सिंग की टीम ने हौसला अफजाई करते हुए उपचार जारी रखा । 17 अप्रैल से बेहतर लगने लगा । मेडिकल टीम पर मैंने पूरा भरोसा किया, उन्होंने मेरा मनोबल बढ़ाया! इन सभी प्रयासों से मुझे हिम्मत मिली और आज मैं स्वस्थ होकर घर जा रहा हूं! ऑक्सीजन लेवल में पूरी तरह इंप्रूवमेंट हुआ है! चंदूलाल चंद्राकर केयर सेंटर की सभी प्रकार की व्यवस्था उचित है! मेरी देखभाल और इलाज के लिए जो भी बेहतर कर सकते थे मेडिकल स्टाफ ने किया, मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं!
इसी तरह से नफीस अहमद 18 अप्रैल को भर्ती हुए थे! नफीस अहमद ने बताया कि इलाज में स्टाफ एवं नर्सिंग मेंबर ने पूरा सहयोग किया। समय पर मेडिसिन उपलब्ध कराया । लगातार देखभाल करते हुए चेक करते रहे । जिसका असर यह हुआ कि मैं 4 दिनों में ही पूर्ण रूप से अच्छा महसूस करने लगा हूं ।
अशोक बारले 14 अप्रैल को चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर में भर्ती हुए । सांस में तकलीफ होने के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही थी । गले में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था । चंदूलाल चंद्राकर केयर सेंटर पहुंचते ही उपचार मिलना प्रारंभ हुआ । मेडिकल टीम ने पूरा सपोर्ट दिया । समय पर भोजन और दवाई मिलते रहा! उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें कुछ तकलीफ हुई तत्काल मेडिकल टीम ने सहायता की! उन्हें कभी भी यह नहीं लगा कि किसी अस्पताल में भर्ती हूं! घर जैसा माहौल मिला, अब पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहा हूं! उन्होंने इसके लिए कोरोना वारियर्स का आभार जताया
दीपक साहू उम्र 41 वर्ष उतई के निवासी है, कोरोनावायरस की चपेट में आ गए! जैसे ही 16 अप्रैल को उन्हें पता चला कि उन्हें कोविड पॉजिटिव हुआ है, उन्होंने बिना देरी किए अपना ऑक्सीजन लेवल चेक किया। उस समय ऑक्सीजन लेवल गिरकर 75 हो चुका था! उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया।हेल्पलाइन से उन्हे उचित सलाह मिली और ऑक्सीजन की जरूरत बताकर शीघ्र अस्पताल में भर्ती होने कहा गया! स्थानीय चिकित्सक ने बताया कि ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था कचांदूर वहां पर उपलब्ध हो जाएगी, क्योंकि कचांदूर में ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था का बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है ।सलाह के आधार पर उतई के चिकित्सक ने एंबुलेंस की व्यवस्था करवाकर तत्काल चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर के लिए साहू को रवाना किया! जैसे ही दीपक साहू कचांदूर पहुंचे, वहां तत्काल भर्ती करते हुए चिकित्सकों ने ऑक्सीजन देते हुए एंटी डोज इंजेक्शन एवं उपचार शुरू किया गया। ऑक्सीजन मिलने से 2 दिन में बहुत बड़ा इंप्रूवमेंट देखने को मिला। ऑक्सीजन लेवल 75 से बढ़कर 93 हो चुका है। तब दीपक साहू ने चिकित्सक स्टाफ सहित पूरी टीम को धन्यवाद दिया! उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की महत्वपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध होने से आज ऑक्सीजन लेवल में इंप्रूवमेंट हुआ है, बहुत बड़ा खतरा टल गया है, आज मैं स्वस्थ होने की कगार पर हूं। उन्होंने आगे कहा कि तत्काल उपचार की सुविधा कोविड केयर सेंटर में मिल रही है। सभी चिकित्सक एवं स्टाफ ने मुझे पूरा सपोर्ट दिया है! यह कहानी बताती है कि ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर बिना देरी किए अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल में ऑक्सीजन मिलने पर रिकवरी की संभावना तेजी से बढ़ती है! कोविड के मरीजों को ऑक्सीजन लेवल का खासा ध्यान रखना होता है! सैचुरेशन लेवल, ऑक्सीजन लेवल की निगरानी रखनी है बहुत आवश्यक है ।
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