एक तरफ़ कोरोना महामारी के चलते हर शहर व गांव के लोगों में दहशत का आलम है. आजमगढ़ जिले में भी कोरोना वायरस के चलते सैकड़ों लोगों की जान चली गई, लेकिन इसी जिले का एक गांव अपने रहन सहन के तरीके व आत्म संयम और प्राकृतिक संसाधन के बल पर इस महामारी की चपेट में आने से बचा हुआ है. गांव के निवर्तमान प्रधान के अनुसार यहां के लोग बाहरी लोगों के संपर्क में ना आकर, खुद से गांव में उगाए गए सब्जी व मछली का सेवन कर बचे हुए हैं.
आजमगढ़ जनपद के उत्तरी छोर पर बहने वाली घाघरा नदी के उस पार गोरखपुर बॉर्डर से सटा सेमरी गांव है. इस गांव की आबादी करीब 1000 है और विकास के नाम पर इस गांव में अभी भी बहुत कुछ होना बाकी है. आजमगढ़ के महाराजगंज ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले इस गांव से जिला मुख्यालय की दूरी सड़क मार्ग से करीब 85 किलोमीटर है, साफ है विकास के नंबर में जिले के सबसे अंतिम पायदान पर रहने वाला यह गांव कोरोना से लड़ाई में सबसे प्रथम पायदान पर है।
जिला मुख्यालय से करीब 85 किमी दूर घाघरा नदी किनारे बसे इस गांव की कुल आबादी1000 लगभग लोगों की है, यहां केवट जाति की बहुलता सबसे ज्यादा है. निवर्तमान ग्राम प्रधान इस सच्चाई की पुष्टि करते हुए कहते हैं कि गांव में सब जानते हैं कि घर में रहकर ही कोरोना को हरा पाएंगे. किसी को बाजार जाना भी पड़ा तो वह कई और परिवारों का सामान लेकर आता है.