कोरोना की दूसरी लहर में सांसों को लौटाने में मददगार रेमडेसिविर इंजेक्शन की ना केवल कालाबाजारी हो रही है, बल्कि नकली उत्पाद बनाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसका एक बड़ा खुलासा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ है। कोरोनाकाल के इस आपदा को अवसर बनाने वालों की कमी नहीं है। लेकिन इनके अवसर के कारण कई मरीजों मरीज अपनी जान दाव पर लगा चुके है।
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली दवा कंपनी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने छापेमार कार्रवाई करते हुए यहां से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इनके पास से 196 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।
Delhi Police working on useful information arrested 5 culprits in a prolonged investigation & unearthed a ‘pharmaceutical’ unit at Kothdwar, Uttarakhand manufacturing large quantities of fake Remdevisir injections (COVIPRI) sold at price over Rs. 25000/- @HMOIndia @PMOIndia https://t.co/wDe0tixBMA pic.twitter.com/kdAKvdTi4B
— CP Delhi #DilKiPolice (@CPDelhi) April 29, 2021
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पुलिस के मुताबिक ये लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन 25 हजार रुपये में बेचते थे। पुलिस ने यहां से इंजेक्शन पैक करने के लिए काम आने वाले 3000 वायल्स भी बरामद की हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया, कि अब तक दो हजार से अधिक लोगों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुके हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से ये जानकारी लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि उनके साथ और कौन शामिल है और अभी तक इनके द्वारा कहां कहां इंजेक्शन बेचे गए हैं।