ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर में लाॅक डाउन का तीसरा फेज जारी है। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने किस कदर आतंक मचाया हुआ है, इसका अनुभव पूरा प्रदेश कर चुका है, इसके बावजूद भी लापरवाही, मनमानी और कानून को नीचा दिखाने की कोशिशों में किसी तरह की कमी नहीं हो रही है। रोज दिन 200 लोगों की मौत भी कुछ लोगों को शायद मजाक के अलावा कुछ और नहीं लगता, तभी सख्ती के आदेश के बाद भी कानून का उल्लंघन करने में ऐसे लोगों को आनंद आ रहा है।
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यह हकीकत कहीं और की नहीं, बल्कि राजधानी रायपुर की है। राजधानी रायपुर में जब कोरोना के आतंक को देखते हुए पहले चरण का लाॅक डाउन किया गया, तभी यह आदेश जारी कर दिया गया था कि पेट्रोल अथवा डीजल केवल उन्हें ही दिया जाना है, जिनके पास मान्य पास उपलब्ध रहेगा। पहले चरण में सभी ने इसका पालन किया, लेकिन दूसरे चरण से मनमानी का दौर जो चल पड़ा, वह आज भी कायम है। राजधानी के ज्यादातर पेट्रोल पंप में हर किसी को दोपहिया व चार पहिया वाहनों में ईंधन दिया जा रहा है, जिसकी वजह से मुसीबत से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
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जिम्मेदारों की भी बनती है जिम्मेदारी
इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजधानी में कलेक्टर ने आदेश जारी किया है, तो इसकी माॅनिटरिंग के लिए अधिकारियों की तैनाती भी की गई है। लेकिन दुखद यह है कि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से सख्त आदेश के बाद भी राजधानी में पेट्रोल पंप में मनमानी चल रही है और कोरोना का प्रसार हो रहा है।
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यह जंग हर किसी के लिए
कोरोना की दूसरी लहर में हर दिन 15 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। हर दिन 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। जो लोग अपनों को खोते जा रहे हैं, उन्हें इस बात का अहसास है कि उन्होंने क्या खोया है। इसके बाद भी जिस तरह की लापरवाही कुछ लोग बरत रहे हैं, उसका खामियाजा प्रदेशभर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।