नई दिल्ली । अमेरिका ने भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चार मई से ट्रैवल बैन लगाने का ऐलान किया है। हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि कुछ श्रेणियों के छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और व्यक्तियों को ट्रैवल बैन से छूट दी गई है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा इस छूट की जानकारी दी गई है.यही नहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भेजा जाएगा। साथ ही, जुर्माना भी वसूला जाएगा।
इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि लगातार कोरोना मरीजों और संक्रमण से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है। भारतीय पर्यटक और भारत में रह रहे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जो यहां लौटना चाहते हैं, उनके ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने पर पाबंदी लगाने का काम किया गया है।
आगे उन्होंने कहा कि यह शुक्रवार को लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों का ही हिस्सा है। यहां चर्चा कर दें कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने महामारी से प्रभावित भारत से आने वाली विमानों पर इस सप्ताह से 15 मई तक प्रतिबंध लगा दिया, जिससे उसके कई नागरिक देश के बाहर फंसे हुए है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जो लोग इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना और जेल का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका ने भी आवाजाही रोक लगाई :
इधर भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका ने 4 मई से भारत से आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने का काम किया है. अमेरिकी सरकार ने सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की सिफारिश के आधार पर यह फैसला लिया है.
किस-किस देश ने लगाए प्रतिबंध :
उपरोक्त दोनों देशों के अलावा नीदरलैंड, कनाडा, ब्रिटेन, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, कुवैत, ओमान, जर्मनी, हांगकांग, सिंगापुर और ईरान जैसे एक दर्जन देशों ने भारत से आने जाने वाली उड़ानों पर पहले से ही रोक लगाने का काम किया है. यही नहीं इस्राइल सहित कई देशों ने अपने यात्रियों के लिए भारत की यात्रा न करने करने के लिए एडवाइजरी जारीवैसे अमेरिका की तरफ से इस बड़े फैसले के बीच कुछ लोगों को राहत भी दी गई है।
बताया गया है कि अमेरिकी नागरिक जिनके पास ग्रीन कार्ड होगा, उनकी पत्नी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों को इन पाबंदियों से छूट दी जाएगी. लेकिन बाकी तमाम लोगों पर ना सिर्फ ये पाबंदियां रहेंगी बल्कि वे अमेरिका में भी एंट्री नहीं ले पाएंगे. बाइडेन प्रशासन की तरफ से ये नहीं बताया गया है कि ये पाबंदियां कब तब जारी रहने वाली हैं लेकिन राष्ट्रपति ने भारत में बढ़ रहे कोरोना मामलों पर गहरी चिंता जाहिर की है।