रायपुर. प्रदेश में बड़ते कोरोना मरीजों की स्थिति को देखते हुए सरकार एक बार फिर लॉकडाउन का फैसला ले सकती है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि सभी जिले के प्रभारी मंत्रयों को कलेक्टर से चर्चा कर हालतों की समीक्षा करेने को कहा गया है. जिस जिले में हालात गंभीर है वहां लॉकडाउन बढ़ने का निर्णय ले सकते है. बता दें कि बड़ते संक्रमितों को देखते हुए प्रशासन ने अप्रैल माह में दो बार लॉकडाउन बढ़ाया था इस मामले में सरकार 3 मई को लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर सकती है. प्रदेश में करीब 1 लाख 19 हजार एक्टिव कोरोना मरीज है वही 8 हजार 581 मौतों हो चुकी है.
प्रदेश के कई छोटे जिलों में मरीजों की संक्या बड़ते जा रही है. अप्रैल माह में प्रति दिन 10 हजार से अधिक संक्रमित मिले जिसमें सर्वाधिक मरीज रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव से सामने आए. रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में अभी मरीजों की संख्या इतनी है कि बेड की कमी है. लोगों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ा लिहाजा ये है की वहा भी अब बेड की कमी पड़ रही है. मरने वालों के संख्या इतनी है कि मुक्तिधाम में लाशों को इंतिजार करना पढ़ रहा है. कल आए स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में भी नए मरीजों की संख्या 15 हजार थी वही मरने वालों की संख्या 269 रही. अभी भी कोरोना मरीजों की रफ्तार घटी नहीं है। जिसे देझते हुए सरकार लॉक डाउन बढ़ा सकती है.
प्रदेश में मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल में कोरोना मरीजों की संख्या और उससे होने वाली मौतों ने सरकार को मजबूर कर दिया कि वह पूर्ण लॉकडाउन लगाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को अधिकार दिए कि वे अपने जिलों में लॉकडाउन का निर्णय ले सकते हैं। इसके बाद तकरीबन सभी जिलों में पहला लॉकडाउन 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक का लगाया गया। उम्मीद थी कि 10 दिन में हालात सुधरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मरीजों की संख्या और मौतों की संख्या लगातार बढ़ने लगी तो सरकार ने लॉकडाउन 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया, लेकिन इस समय तक मरीजों की संख्या 17 हजार रोज तक पहुंच गई थी और मौत 250 के पार। ऐसे में सरकार ने दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया और 5 मई तक सब बंद रखने की घोषणा कर दी।