कोटा। कोराना काल (Corana period) के भयावह हालात में कोचिंग सिटी कोटा से बेहद डराने वाली खबर सामने आई है. यहां कोरोना पॉजिटिव एक दंपति ने इसलिये ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या (Suicide) कर ली क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी वजह से पोता संक्रमण से पीड़ित हो सकता है।
घटना की सूचना के बाद इलाके में मातम पसर गया वहीं दंपति के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस उपाधीक्षक भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि घटना रविवार को हुई। यहां रेलवे कॉलोनी इलाके में पुरोहित जी की टापरी में रहने वाले हीरालाल बैरवा (75) और उनकी पत्नी शांति बैरवा (75) की एक दिन पहले ही कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आई थी। इसके चलते वे दोनों तनाव में चल रहे थे। उन्हें घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया गया था. लेकिन दोनों को इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं उनके पोते रोहित को उनसे संक्रमण का खतरा नहीं हो जाये।
8 साल पहले बेटे को खो दिया था इस दंपति ने
रविवार को दोनों परिजनों को बिना बताये घर से निकल गए. बाद में कोटा की तरफ से दिल्ली जाने वाले ट्रैक पर जा पहुंचे और ट्रेन के आगे छलांग लगाकर अपनी जान दे दी. सूचना मिलने पर रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दंपति के शवों को शवों को वहां से उठवाकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस दंपति ने 8 साल पहले अपने जवान बेटे को खो दिया था। उसके बाद वे अब वे पोते को खोना नहीं चाहते थे। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
गलतफहमी बनी आत्महत्या की वजह
बुजुर्ग दंपत्ति को कोरोना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। दरअसल, कोरोना वायरस से कम उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है। 18 साल या उससे कम लोगों को कोरोना हो सकता है, पर अधिकतर मामलों में ऐसे मरीज बिना किसी दवाई के ही ठीक हो रहे हैं। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए कोरोना जानलेवा बीमारी नहीं है। बुजुर्ग दंपत्ति के पोते को भी कोरोना होने की संभावना है, पर इससे उसकी मौत की आशंका बहुत कम है। इसके बावजूद बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने पोते को संक्रमण से बचाने के लिए आत्महत्या करना उच्त समझा।
कोटा में बेहद खतरनाक हो रहे हैं कोरोना के हालात
उल्लेखनीय है कोटा भी राजस्थान के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में शुमार है. यहां कोरोना के हालात बेदह खतरनाक हो रखे हैं. कोटा में पहली लहर से अब तक करीब 600 पुलिसकर्मी और पुलिस के अधिकारी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. शहर के अस्पताल कोरोना पीड़ितों से भरे हुये हैं।