बिलासपुर। प्रदेश में 18+ वैक्सीनेशन में आरक्षण के मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। छग हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दो टूक कहा कि वैक्सीनेशन पर सभी वर्ग का बराबर अधिकार है। महामारी किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं है, तो वैक्सीनेशन पर किसी वर्ग विशेष को प्राथमिकता का सवाल कैसे हो सकता है। हाई कोर्ट ने सरकार से कहा कि प्रदेश में सभी लोगों को समान अधिकार से वैक्सीनेट किया जाए, ताकि प्रदेश में लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मिल पाए और इस महामारी के खिलाफ जारी जंग को जीता जा सके।
बिलासपुर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती है। कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। राज्य सरकार 1/3 के हिसाब से सभी वर्ग का समान रूप से टीकाकरण किया जाए। यानी BPL, APL और सामान्य वर्गों के हिसाब से सभी का समान रूप से टीकाकरण किए जाने का फैसला सुनाया है।
बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरूआत 1 मई से हो गई है। छत्तीसगढ़ में भी वैक्सीनेशन की शुरूआत हो गई है। इस बीच सरकार ने नया आदेश जारी कर सिर्फ अन्त्योदय कार्ड धारियों को पहले टीका लगाने का आदेश जारी किया था। वहीं राज्य सरकार वैक्सीनेशन में रजिस्ट्रेशन करने वालों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही थी।
वर्गीकरण के खिलाफ अमित जोगी सहित कई लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। वहीं आज चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार बहानेबाजी नहीं करे और सभी वर्ग का समान रूप से टीकाकरण करें।