नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्वोत्तर में पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले हिमंता बिस्वा सरमा असम के नए मुख्यमंत्री होंगे। असम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद तक मुख्यमंत्री पद को लेकर बना सस्पेंस आखिरकार रविवार को खत्म हो गया। मुख्यमंत्री के नाम पर फैसले के लिए आज राजधानी गुवाहाटी में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई।
सूत्रों ने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री के रूप में सर्बानंद सोनोवाल की जगह लेंगे। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सरमा के नाम हरी झंडी मिलने के बाद रविवार को गुवाहाटी में आयोजित विधायक दल की बैठक में सोनोवाल ने हिमंता बिस्वा सरमा के नाम का प्रस्ताव रखा।
हेमंत बिस्वा सरमा ही असम के नए मुख्यमंत्री होंगे। शाम को चार बजे राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसके बाद कल हेमंत बिस्वा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी महासचिव अरुण सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहें।
बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “सर्वसम्मति से असम राज्य बीजेपी विधानमंडल के नेता के रूप में श्री हेमंत बिस्वा सरमा को विधायक दल का नेता घोषित करता हूं।” विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले सर्बानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी को जॉइन किया था। राज्य में प्रभाव के मामले में वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं हैं।
2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है। 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।
बीजेपी की असम जीत के नायक हिमंत
असम में नए मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी कशमकश में थी। पार्टी आलाकमान ने हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया था। दोनों नेताओं से पहले अलग-अलग और फिर एक साथ बिठाकर बात की गई थी। इसके बाद से ही हिमंत का नाम सीएम की रेस में आगे चल रहा था। बताते चलें कि असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। हिमंत बिस्वा सरमा का जोरदार प्रचार अभियान बीजेपी की जीत की अहम वजहों में से एक माना जा रहा है।