कोरोना से हो रही मौतों का आंकड़ा किसी भी राज्य को हैरान कर सकता है। लेकिन कई राज्यों में इसका असर इतना ज्यादा है कि वहां आम जनता के साथ खास लोग भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। ऐसा ही एक राज्य उत्तरप्रदेश हैं. जहां कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना की दूसरी लहर का असर इतना खतरनाक है कि 20 दिनों में 19 प्रोफेसर्स की अकाल मौत हो गई।इनमे से कुछ को दूसरी बीमारियां भी थी लेकिन कोरोना ने उनके इम्यून सिस्टम को इतना कमजोर कर दिया कि दूसरी बीमारियों का असर ज्यादा खतरनाक हो गया। वहीं इस यूनिवर्सिटी में मरने वालों की संख्या 40 से भी ऊपर है।
कब हुई थी यूनिवर्सिटी की स्थापना ?
शिक्षाविद् सर सैयद अहमद खान ने 1875 में मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी। जो 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाने लगा। स्थापना के सन 1920 से लेकर आज तक AMU में इतना चिंताजनक दौर कभी नहीं आया, जब इतनी तादाद में मौजूदा प्रोफेसर, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों का इंतकाल हुआ हो।
शिक्षाविद् सर सैयद अहमद खान ने 1875 में मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी। जो 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाने लगा। स्थापना के सन 1920 से लेकर आज तक AMU में इतना चिंताजनक दौर कभी नहीं आया, जब इतनी तादाद में मौजूदा प्रोफेसर, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों का इंतकाल हुआ हो।
प्रबंधन के लिए बढ़ गई चिंता
एएमयू में मातम का माहौल पसरा है। ऐसा कोई भी दिन नहीं गुजर रहा है जब प्रबंधन की तरफ से किसी का शोक संदेश ना व्यक्त किया जा रहा हो। कोरोना काल में मौतों का मंजर देखकर हर किसी की रूह भी कांप रही है. ना जाने कब इस आफत से पूरे देश को छुटकारा मिलेगा. अब जब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है ऐसे में शायद AMU को बड़ी राहत मिल जाएगी।
एएमयू में मातम का माहौल पसरा है। ऐसा कोई भी दिन नहीं गुजर रहा है जब प्रबंधन की तरफ से किसी का शोक संदेश ना व्यक्त किया जा रहा हो। कोरोना काल में मौतों का मंजर देखकर हर किसी की रूह भी कांप रही है. ना जाने कब इस आफत से पूरे देश को छुटकारा मिलेगा. अब जब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है ऐसे में शायद AMU को बड़ी राहत मिल जाएगी।