बस्तर । शिक्षक दंपति कि कोरोना से मौत हो गई। वह अपने पीछे 5 साल और 2 साल की दो मासूम को छोड़ गए।मौत से अनजान बच्चे मां को सोया समझकर उठाते रहे, लेकिन मां नहीं उठी। वक्त की विडंबना समझिये या फिर कोरोना का डर, यतीम बच्चे घंटों मां-मां बोलकर बिलखते रहे, लेकिन किसी ने उन्हें गले लगाया और ना ही पुचकारा। बच्चे काफी देर तक भूखे-प्यासे घर में ही अकेले पड़े रहे। हालांकि बाद में बच्चों को पुलिस अपने साथ ले गई। विचलित करने वाली तस्वीर जगदलपुर के बास्तानार से आयी है।
कोरोना से शिक्षक दंपत्ति की मौत ने बस्तरवासियों को डरा दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना से पति-पत्नी की मौत ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। मृतक शिक्षक मूलतः रायगढ़ के रहने वाले थे। दंपति के शव को मर्च्यूरी में रखा गया था। प्रशासन ने उनके परिजनों को उनकी मौत की सूचना दे दी है।
कोविड से दंपति की हुई मौत के बाद पूरे बास्तानार इलाके में गम का माहौल है। बस्तर में लॉकडाउन के बावजूद भी हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है। हर रोज 6 से अधिक लोगों की जान कोरोना से जा रही है।
टीआई ने बताया कि मृतक रायगढ़ के रहने वाले थे जो कि विगत 10 वर्षो से बस्तानार के हायर सेकेंडरी स्कूल मे पदस्थ थे और 4 वर्षों से अब तक प्रिंसिपल के प्रभार में थे। 9 मई को कोरोना के चलते दंपत्ति कि मौत हो गई जिसके बाद निगम कर्मचारियों द्वारा दंपत्ति का अंतिम संस्कार जगदलपुर मे किया गया। दोनो बच्चे हमारे पास थे। मृतक के परिजनो को सूचना दी गई जिसके बाद दोनों बच्चो को सोमवार को परिजनों के सुपर्द किया गया।
डॉक्टर के अनुसार कोरोना पॉजिटिव शिक्षक की मौत मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 6 मई को हो हुई, जिसके 2 घंटे बाद ही होम आइसोलेशन में से घर पहुंची कोरोना पॉजिटिव पत्नी की भी मौत हो गई। डॉक्टर के अनुसार 49 वर्षीय शिक्षक बास्तानार के सरकारी स्कूल में पदस्थ थे। 6 मई को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद गंभीर अवस्था में उन्हें मेडिकल कॉलेज लाया गया था।
उनकी पत्नी को भी किलेपाल में होम आइसोलेशन में रखा गया था। पति का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। जहां 9 मई की सुबह उनकी मौत हो गई। इसके थोड़ी देर बाद पत्नी की भी मौत हो गई। शिक्षक दंपति के दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। शिक्षक रायगढ़ के रहने वाले थे।
सांसद दीपक बैज ने कहा की बड़े किलेपाल(जिला बस्तर)में कार्यरत शिक्षक दंपति कि कोरोना से मौत हो गई है,इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं,वह अपने पीछे दो मासूमों(पल्लवी 5 वर्षीय और उमेश 2 वर्षीय)को छोड़ गए है।इनकी मदद के लिए मैंने अपनी एक माह की वेतन की 50%राशि इन बच्चों को समर्पित करता हु और आगे भी मदद करूँगा।
सुबह जब बच्चे उठे तो मां को बेसुध देखा, जिसके बाद बच्चे ने मां को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठी तो बच्ची ने अपने मकान मालिक को जाकर पूरी बात बतायी। मकान मालिक ने जाकर देखा तो महिला की मौत हो चुकी थी।