नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड के टिहरी जिले के देवप्रयाग क्षेत्र में मंगलवार शाम बादल फटने से मची तबाही में पूरा क्षेत्र मलबे से पट गया और उसमें दो भवन जमींदोज हो गए। घटना में कई इमारतें और दुकानें पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। हांलांकि, घटना में किसी जनहानि की सूचना नहीं है।
पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम घटनास्थल पर पंहुची और बचाव अभियान शुरू किया। देवप्रयाग के पुलिस थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत ने बताया कि शाम लगभग पांच बजे शांता नदी के उपरी छोर पर दशरथ डांडा पर्वत नामक स्थान पर बादल फटने से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया।
नदी में आए मलबे ने देवप्रयाग कस्बे के शांति बाजार में भारी तबाही मचाई जिसमें नगर पालिका का बहुउददेशीय भवन समेत दो भवन जमींदोज हो गए। उन्होंने बताया कि पूरा क्षेत्र मलबे से पट गया है जबकि पैदल पुल का भी कहीं अता पता नहीं है। इसके अलावा बिजली की लाइन, पेयजल लाइन व अन्य परिसंपत्तियों को भी भारी नुकसान की सूचना है।
थानाध्यक्ष रावत ने बताया कि शांति बाजार में बडी—बडी इमारतों और दुकानों में मलबा घुस गया और वे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गयीं। थाना पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त इमारतों के आसपास के लोगों को मौके से तुरंत हटाया गया और थाना प्रांगण एवं बस अड्डा प्रांगण में भेजा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उजाला होने के कारण शहर में मलबा घुसने से पहले ही लोग दुकानों को छोड़कर बाहर आ गए अन्यथा अगर अंधेरा होता तो यहां बड़ी जनहानि होती। नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने बताया कि बादल फटने से शहर में भारी नुकसान हुआ है लेकिन अभी उसका आंकलन नहीं हो सका