पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के डर से राज्य से पलायन कर असम गए लोगों से गवर्नर जगदीप धनखड़ मुलाकात करने जाएंगे। राजभवन की ओर से बयान जारी कर यह बात कही गई है। बयान में कहा गया है, ‘गवर्नर जगदीप धनखड़ असम के रंगपाली और श्रीरामपुर में स्थित कैंपों में जाएंगे। वह 14 मई को जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे। चुनाव के बाद हुई हिंसा के चलते कुछ लोगों ने बंगाल से असम में जाकर शरण ले ली थी।’ इससे पहले पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने सीएम ममता बनर्जी की शपथ के दिन राज्य में हिंसा को लेकर चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य में 300 से 400 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शरण ली है। असम के सीएम ने कहा था, ‘बंगाल से 300 से 400 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने असम में परिवार सहित पलायन किया है। राज्य की सीमा को पार करके ये लोग आए हैं और असम में शरण ली है।’ सरमा ने कहा था कि असम सरकार की ओर से बंगाल से आए लोगों के लिए खाने और शरण की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच ममता बनर्जी ने केंद्रीय दलित आयोग से अपने बंगाल दौरे को रद्द करने के लिए कहा है।
आयोग को चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान दलितों पर अत्याचार के मामलों की जांच के लिए दौरा करना था। सरकार ने इसके लिए कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को कोलकाता हाईकोर्ट में यह भी कहा कि 8 मई के बाद से राज्य में हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं एनसीएससी का दावा है कि उसे 2 मई से अब तक राज्य में दलितों पर हो रहे जुल्म को लेकर कई शिकायती चिट्ठियां मिली हैं। बंगाल सरकार का कहना है कि हमारी प्राथमिकता फिलहाल कोरोना से लड़ना है और राज्य में रोजगार का सृजन करना है।
चुनाव के बाद भी बंगाल में जारी है राजनीति
एनसीएससी पिछड़े वर्ग को शोषण से बचाने के लिए बनाई गई संवैधानिक संस्था है। बता दें कि चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में राजनीति का दौर जारी है। चुनाव नतीजों के बाद ही राज्य में हिंसा शुरू हो गई थी। नंदीग्राम समेत कई इलाकों में बीजेपी ने कार्यकर्ताओं पर हमलों का आरोप लगाया था।