रायपुर । 10 साल की उम्र में स्कूल बंद, दोस्तों के साथ खेलना बंद, लॉकडाउन और मास्क लगाकर रहने की पाबंदियों को देख रहे जैद ने रोजा रखा था। घर के बड़ों के साथ हर रोज छत पर रात के वक्त कोरोना महामारी खत्म होने और इंसानों की इस दुनिया में फिर से खुशहाली कायम करने की दुआ मांगा करता था। मंगलवार की सुबह इस नन्हीं सी जान को एक हादसे ने छीन लिया। जिस छत पर घर के बड़ों के साथ जैद रमजान के इस पाक महीने में दुआ मांगा करता था। उसी छत के पास लगे हाइटेंशन तारों में दौड़ रही बिजली जैद की मौत का कारण बनीं।
इसी छत पर बच्चा तार की चपेट में आ गया था। तस्वीर रायपुर की।
मंगलवार की सुबह सेहरी के वक्त 10 साल का जैद छत पर गया था। बेहद करीब से गुजरी तारों के संपर्क में आने की वजह से उसे तेज करंट लगा। बच्चा झुलस गया था, उसके फौरन नजदीकी अस्पताल ले जाया गया मगर वो बच न सका। शाम के वक्त शहर के बैरन बाजार कब्रिस्तान में उसका अंतिम संस्कार किया गया। परिवार जो दो दिन बाद ईद की तैयारियों को जुटा था, वहां मातम का माहौल है। पूरे मुहल्ले में इस हादसे से काफी लोग गमजदा हैं।
6 साल की उम्र से रख रहा था रोजा
ईद की खुशी बड़ों से ज्यादा बच्चों में होती है। जैद इस मौके पर बेहद खुश रहता था। इस परिवार के पड़ोस में रहने वालो सामाजिक कार्यकर्ता रजा संजरी ने बताया कि जैद के पिता इमरान नियाज़ी के तीन बच्चे हैं। 15 साल का रेहान सबसे छोटा 6 साल उमर और जैद उनका मंझला बेटा था। जैद 6 साल की उम्र से रोजे रख रहा था। मंगलवार की सुबह सेहरी के बाद फजर की नमाज (सुबह की नमाज) पढ़कर छत पर गया था तभी ये हादसा हो गया।
हर रात मांगता था कोरोना से सलामती की दुआ
राज संजरी ने बताया कि हर रोज रात 10 बजे जैद के घर के बड़ों के साथ छत पर आया करता था। कोरोना वॉयरस से निज़ात दिलाने के लिए अज़ान दिया करता था। बच्चा अपने 28 रोजे पूरे कर चुका था। ये परिवार संजय नगर की ख्वाज़ा गली में रहता है। जैद के पिता प्रॉपर्टी डीलिंग का काम-काज करते हैं। अब इलाके के सभी लोग इस परिवार को ये गम सहने की ताकम मिले और बच्चे की आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहे हैं।