डेस्क। हमेशा की तरह राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड भाई पूरी तरह सलमान ख़ान की फ़िल्म है। सलमान की फ़िल्मों के सहयोगी कलाकार चाहे जितनी अच्छी एक्टिंग कर लें, मगर सलमान की आभा के आगे हर प्रतिभा फीकी नज़र आती है। हर एक दृश्य इस तरह सामने से गुज़रता है कि सलमान के अलावा कुछ हाइलाइट नहीं होता। हां, जिस दृश्य में सलमान नहीं होते, उसमें सह-कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौक़ा ज़रूर मिल जाता है। राधे में रणदीप हुड्डा के साथ ऐसा कई बार हुआ।
राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड भाई सलमान ख़ान के आभामंडल में डूबी एक और फ़िल्म है, जो आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप सलमान ख़ान के कितने बड़े फैन हैं। राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड का निर्देशन प्रभुदेवा ने किया है, जिन्होंने सलमान ख़ान को लेकर 2009 में वॉन्टेड और फिर 2019 में दबंग 3 बनायी। प्रभु के साथ सलमान की राधे तीसरी फ़िल्म है।
वॉन्टेड के मुख्य किरदार राधे के साथ प्रभुदेवा ने राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड की कहानी गढ़ी है। पृष्ठभूमि मुंबई है, जहां ड्रग्स ने हाहाकार मचाया हुआ है। दसवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे तक ड्रग्स के आदी हो रहे हैं। ड्रग्स के लिए जान दे रहे हैं। इस स्थिति को काबू में करने के लिए निलम्बित चल रहे अंडरकवर कॉप राधे को बुलाया जाता है, जो 97 एनकाउंटर कर चुका है। मुंबई में ड्रग्स का कारोबार राणा के हाथों में है। राणा के बारे में पता करने के लिए राधे दो दुश्मन गैंगस्टरों के गैंग की मदद लेता है।
दोनों के बीच दोस्ती करवाकर राधे उन्हें राणा का पता लगाने के काम पर लगा देता है। इस बीच राधे की मुलाक़ात दीया से होती है, जो उसके सीनियर अविनाश अभयंकर की बहन है। राधे और दीया की नज़दीकियों अविनाश को पसंद नहीं है। मगर, राधे की के दावपेंचों के आगे अविानश की चल नहीं पाती। एक टिप पर राधे का मुक़ाबला राणा से होता है। मगर, राणा और उसके साथी भारी पड़ते हैं और राधे और उसकी टीम को ज़ख़्मी करके चले जाते हैं। इसके बाद राधे, राणा के पीछे पड़ जाता है। राणा का पता लगाने के लिए राणा स्कूल के बच्चों को अपनी आंख और कान बनाता है। आख़िरकार, राधे राणा और उसके साथियों का ख़ात्मा कर देता है।
राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड भाई लचर लिखाई की वजह से असर नहीं छोड़ पाती। फ़िल्म हिंदी सिनेमा के घिसे-पिटे फॉर्मूलों पर आधारित है। संवाद कुछ जगह बेहद बचकाने लगते हैं। सलमान और जैकी श्रॉफ के बीच कॉमेडी के दृश्य थोपे हुए महसूस होते हैं। जैकी श्रॉफ का फ़िल्म में बेहतर इस्तेमाल हो सकता था। सलमान और दिशा के बीच रोमांटिक दृश्य स्वाभाविकता से परे नाटकीय लगते हैं।
फ़िल्म में दिशा काफ़ी स्टाइलिश और ख़ूबसूरत दिखी हैं। मगर, स्क्रीनप्ले में उनकी एंट्री रिक्त स्थान भरने जैसी लगती है। अगर फ़िल्म से दीया का कैरेक्टर निकाल दिया जाए तो एक दृश्य को छोड़कर पूरी फ़िल्म अप्रभावित रहती है। रणदीप हुड्डा ने शातिर और निर्दयी ड्रग माफ़िया के किरदार को ठीक से निभाया है। कई दृश्यों में वो प्रभावशाली लगे हैं और सलमान के सामने कहीं भी हल्के नहीं पड़े हैं। गौतम गुलाटी रणदीप के किरदार राणा के साइड किक के रोल में नज़र आते हैं और ठीकठाक काम कर गये।
राधे की कास्टिंग में सलमान ख़ान और बिग बॉस का कनेक्शन भी आपको नज़र आएगा। बस ध्यान से देखते रहिए। वहीं, राधे सम्भवत: पहली फ़िल्म होगी, जिसमें सलमान ख़ान अपने घर के बाहर खड़े नज़र आएंगे- गैलेक्सी अपार्टमेंट। सलमान की फ़िल्मों की ख़ूबी उनका संगीत भी रहा है, मगर राधे के गाने विजुअली भव्य हैं, लेकिन लम्बे समय तक साथ नहीं रहते।
फ़िल्म के एक्शन दृश्यों में भी दोहराव है। इनके संयोजन में नयापन नहीं दिखता। ऐसे तमाम दृश्य दर्शक सलमान की ही फ़िल्मों में देखते रहे हैं। क्लाइमैक्स का हेलीकॉप्टर वाला दृश्य प्रभावशाली हो सकता था, मगर ख़राब एडिटिंग की वजह से इस दृश्य में रवानगी नहीं आ पायी। जो भी है, सलमान ख़ान ने ईद पर आने की कमिटमेंट पूरी कर दी। आगे आपकी मर्ज़ी।
कलाकार- सलमान ख़ान, दिशा पाटनी, जैकी श्रॉफ, रणदीप हु्ड्डा, गौतम गुलाटी आदि।
निर्देशक- प्रभुदेवा
निर्माता- सलमान ख़ान फ़िल्म्स, ज़ी स्टूडियोज़
प्लेटफॉर्म- ज़ी 5, ज़ीप्लेक्स
स्टार- ** (दो स्टार)