सक्ती। बीते 15 दिनों से भी ज्यादा समय से मौसम का बिगड़े मिजाज देखने को मिल रहे हैं। वहीं, पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से बारिश ने कहर बरपाया है, उसके चलते लोगों को मई माह में सावन भादो का एहसास अवश्य हो गया है। बेमौसम बारिश के चलते सर्वाधिक परेशानी सक्ती अंचल के धान उत्पादक किसानों तथा सब्जी उत्पादक किसानों को हुआ है।
हालांकि यह बारिश लाकडाउन के लिए वरदान साबित हुई है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सड़कों व गलियों में सन्नाटा है। वहीं, खराब मौसम का विपरीत असर लोगों की सेहत पर पड़ने लगा है। कई लोग सर्दी, खांसी, बुखार जैसे मौसमी बीमारी से अब परेशान है, ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा फिर मंडराने लगा है।
विदित हो कि गर्मी के महीने में पश्चिमी विक्षोभ के व्यापक असर से पूरे इलाके में जोरदार बारिश हुई है जहां तेज गर्जना, हवा के बीच बारिश की झड़ी लग गई, रुक-रुक कर रातभर इलाके में बारिश होती रही। इससे तापमान भी गिर गया है। तेज गर्जना और हवा चलने से कई गांवों में बिजली व्यवस्था ठप्प हो गई।
हालांकि नुकसान कितना हुआ है, इसके बारे में अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। किंतु किसानों से बातचीत के दौरान पता चला है कि यह नुकसानी ऐसे समय में आया है जब फसल कटने के लिए तैयार थी। ग्राम पंचायत सरवानी के किसान मोतीलाल साहू, रामू पटेल, संतु राम साहू, पीलासाय पटेल, भुवन साहू, लोचन साहू, कन्हैया साहू कहते है कि मई माह में अत्यधिक बारिश से अंचल में काफी बड़ा रकबा प्रभावित हुआ था। हजारों हेक्टेयर की फसल खराब हो गई है। जिसकी सही रिपोर्ट यदि जिला प्रशासन तक नहीं पहुंचती है तो भारी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ेगी।
ग्राम पंचायत जुड़गा के किसान कुशल पटेल, धनीराम पटेल, रूपलाल पटेल, धनंजय कुमार पटेल, रामेश्वर प्रसाद, खेमलाल जयसवाल, बंशीलाल जायसवाल, देवी राम जायसवाल, कृपाशंकर पटेल कहते है कि सक्ती विकासखण्ड के लगभग सभी गांवों में धान उत्पादक किसान जहां अपनी फसल को काटने की तैयारी में लगे हुए थे, ऐसे किसानों को बारिश के चलते खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही साथ सब्जी उत्पादक किसानों को भी बेसमय बारिश से खासा नुकसान हुआ है।
अब प्रशासन हम किसानों के नुकसान का सर्वे कराकर जल्दी ही हम प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाये। ग्राम आमापाली के किसान डमरु पटेल, रूपलाल पटेल, नंदलाल पटेल, जहान खान, जाहिद खान, मोहर साय, रहमत अली, गोराव राम कहते है कि बारिश ने हम किसानों की कमर तोड़ दी है। जमीन पर गिरे धान फसल, करपा, बीड़ा व खलिहानों में रखे धान भींग गए हैं। बेमौसम बारिश होने से धान के पौधों व धान में अंकुरण आना भी शुरू हो गया है। इससे हम किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कटाई-मिंजाई पूरी तरह से प्रभावित है।