मुंबई । कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फैसला लिया। महाराष्ट्र में मिनी लॉकडाउन 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। महाराष्ट्र में फिलहाल 15 मई तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू हैं। राज्य में पहले की तरह जरूरी सेवाओं के लिए दी गई छूट जारी रहेगी।
लॉकडाउन को लेकर बुधवार को हुई एक अहम बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे 31 मई तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। आज हुई कैबिनेट बैठक के बाद राज्य से स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि बैठक में स्वास्थ्य विभाग और मंत्रालयों ने और 15 दिन के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। हाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को कंट्रोल करने के लिए राज्य सरकार ने 31 मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र में तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया गया है।
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य में 31 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इस दौरान जरूरी सेवाओं के लिए पहले से दी गई छूट जारी रहेगी। महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 के 46,781 नए मामले सामने आए और 816 मौतें हुईं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने कहा कि राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 52,26,710 हो गए, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 78,007 हो गए।
टीके की कमी, 18+ का वैक्सीनेशन रुका
महाराष्ट्र में कोविड-19 रोधी टीके की कमी के कारण राज्य सरकार ने 18 से 44 उम्र समूह के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को अस्थायी तौर पर रोकने और टीके की उपलब्ध खुराकों का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा समूह के लिए करने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ही यह फैसला भी लिया गया।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, ‘‘45 साल से ज्यादा उम्र समूह वालों के टीकाकरण के लिए टीके की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। इसलिए राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि 18-44 उम्र समूह के लोगों के लिए उपलब्ध टीकों का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए किया जाएगा। इसलिए हम कुछ समय तक 18-44 उम्र समूह के लोगों का टीकाकरण रोक रहे हैं।’’
मंत्री ने कहा कि ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मई से कोविशील्ड टीके की आपूर्ति करने के बारे में अवगत कराया है। आपूर्ति मिलने पर 18-44 उम्र समूह के लिए टीकाकरण अभियान बहाल हो जाएगा। टोपे ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार राज्यों को टीके की पर्याप्त खुराकें उपलब्ध कराने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही।