नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहे भारत की लड़ाई में साथ निभाने को पूरी तरह से तैयार है रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन। भारत में वैक्सीन की कमी को लेकर भी जंग छिड़ी हुई है। वहीं, कोरोना से लड़ाई में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर ही महामारी से पार पाया जा सकता है। ऐसे में एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के साथ अब स्पुतनिक वी वैक्सीन की साथ भारत में वैक्सीनेशन में तेजी लाई जा सकती है।
अगले सप्ताह से डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज द्वारा आयातित वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक का रोलआउट किया जाएगा, सरकार को स्थानीय विनिर्माण के समर्थन से अगले 8-10 महीनों में और 25 करोड़ खुराक की उम्मीद है। डॉ रेड्डीज को उम्मीद है कि भारतीय विनिर्माण भागीदार जुलाई से वैक्सीन की स्थानीय आपूर्ति शुरू कर देंगे।
हालांकि, रूस ने अब तक अपनी आबादी के लिए भी इतनी बड़ी मात्रा में खुराक का निर्माण नहीं किया है। इसके अलावा, इसे बनाना मुश्किल है क्योंकि इसके दो शॉट्स अलग-अलग प्रकार से बनाए जाते हैं, जिससे इसके जलदी उत्पादन को लेकर संदेह पैदा होता है।
वैक्सीन कब उपलब्ध होगी?
जून के मध्य तक वैक्सीन की अच्छी मात्रा में टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने की संभावना है। बता दें कि डॉ रेड्डीज ने पिछले सप्ताह वैक्सीन को लॉन्च किया और शुक्रवार को केवल एक ही आदमी को टीका लगाया गया। डॉ, रेड्डी लैब में कस्टम फार्मा सर्विसेज के ग्लोबल हेड दीपक सपरा को हैदराबाद में वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई।
वैक्सीन की कीमत कितनी होगी?
शुरुआत में वैक्सीन की कीमत 995.40 रुपये प्रति खुराक होगी। इसमें 5 फीसद जीएसटी भी शामिल है। हालांकि यह संभावना है कि स्थानीय स्तर पर वैक्सीन बनने के बाद इसकी कीमत कम हो जाएगी।
स्पूतनिक वी पहले कहां उपलब्ध होगी?
स्पूतनिक वी पहले 35 शहरों में उपलब्ध होगी। ज्यादातर महानगरों और अन्य तय किए गए शहरों में। वैक्सीन को -18 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर संग्रहीत करने की जरूरत है, तो यह देखते हुए शहरों का चयन किया जाएगा। उन अस्पतालों को भी देखा जाएगा, जहां ऐसी व्यवस्था है। वहीं, डॉ रेड्डीज वैक्सीन के फ्रीज-ड्राय फॉर्म के लिए मंजूरी मांग रहे हैं, जिसे 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया जा सकता है।
क्या आप CoWIN पोर्टल के माध्यम से स्पूतनिक के लिए पंजीकरण कर सकते हैं?
वैक्सीन के व्यापक पैमाने को छुने के बाद वैक्सीन को CoWIN साइट और आरोग्य सेतु ऐप पर सूचीबद्ध किया जाएगा। वहीं, अन्य रिपोर्ट की माने तो वैक्सीन को CoWIN साइट और आरोग्य सेतु ऐप पर तीसरे विकल्प के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
स्पूतनिक वी कितना प्रभावी है?
स्पूतनिक वी के डेवलपर्स का दावा है कि इसकी प्रभावशीलता 91.6 फीसद है। वहीं, अन्य आंकड़ों में भी कोविड -19 के खिलाफ इस वैक्सीन को उच्च प्रभावशीलता की श्रेणी में रखा गया है।
स्पूतनिक लाइट क्या है और क्या यह भारत में आएगी?
रूस ने कोरोना को मात देने वाली दुनिया की पहली वैक्सीन स्पूतनिक वी का निर्माण किया था। इसी वैक्सीन का नया वर्जन अब स्पूतनिक लाइट लाया गया है। कंपनी के मुताबिक, स्पूतनिक लाइट की सफलता का प्रतिशत लगभग 80 फीसदी है। कंपनी का कहना है कि वैक्सीन का सिंगल शॉट ही कारगर है। स्पूतनिक लाइट के आयात के लिए डॉ रेड्डीज जून में भारतीय नियामकों के साथ बातचीत कर सकते हैं।