नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी देखने को मिली है। पहले जहां रोजाना चार लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब घटकर तीन लाख पर आ गए हैं। चूंकि इस बीच कई जगहों पर बारिश भी हुई है। ऐसे में कई लोग यह मान कर चल रहे हैं कि बारिश की वजह से ही कोरोना के मामलों में कमी आई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर मैसेज भी वायरल होने लगे हैं, जिसको लेकर लोग भ्रम में हैं। आइए जानते हैं कि क्या वाकई मौसम परिवर्तन और बारिश से संक्रमण की रफ्तार कम हो सकती है?
सोशल मीडिया पर जो मैसेज वायरल हो रहा है, उसमें लिखा है, ‘बड़ी राहत भरी खबर- मौसम परिवर्तन होने व बारिश की वजह से संक्रमण की रफ्तार रूकेगी।’ सरकारी सूचना एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल मैसेज को फर्जी बताया है। पीआईबी ने ट्वीट के जरिये लोगों को यह आगाह किया है कि ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करें व ऐसे फर्जी संदेशों को शेयर करके भ्रम न फैलाएं।
पीआईबी का कहना है कि कोरोना की रफ्तार केवल कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने से कम की जा सकती है।
ठीक से मास्क पहनें
बार-बार हाथ धोएं/सैनीटाइज करें
सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं (दो गज)
क्या वाकई मौसम परिवर्तन और बारिश से संक्रमण की रफ़्तार कम हो सकती है?#PIBFactCheck#कोरोना की रफ़्तार केवल कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने से कम की जा सकती है।
🔹ठीक से मास्क पहनें😷
🔹बार-बार हाथ धोएं/सैनीटाइज़ करें🧴
🔹सामाजिक दूरी बनाएं🧍🏻♀️….🧍🏻♀️ pic.twitter.com/QUJXjHkpHN
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 15, 2021
कोरोना पर मौसम के बदलाव का कोई असर नहीं होता है और यह साबित भी हो चुका है। पिछले साल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि गर्मी या सर्दी के मौसम पर कोरोना वायरस का संक्रमण निर्भर नहीं करता है बल्कि यह मानवीय व्यवहार को प्रभावित करता है, यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसका प्रसार होता है।