नयी दिल्ली। भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा में यह दूसरा मौका है जब कोविड संकट के चलते केदारनाथ धाम में सन्नाटे के बीच बाबा केदार के कपाट खुलेंगे। सोमवार 17 मई को सुबह 5 बजे बाबा केदार के कपाट खोले दिए जाएंगे। मंदिर परिसर में न तो भक्तों की लम्बी लाइन दिखेगी और न ही वीआईपी गेट पर वीआईपी का रेला देखने को मिलेगा। हर वर्ष हजारों भक्तों की मौजूदगी में बम-बम भोले के जयघोषों की कमी का दृश्य भी खलता नजर आएगा। कोरोना की दूसरी और घातक लहर के चलते इस बार चारधाम यात्रा पर बड़ा असर पड़ा है।
एक ओर चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों का कारोबार चौपट हो गया है, और वह निराश एवं मायूस हैं वहीं केदारधाम में दिखने वाला कपाटोत्सव भी सीमित लोगों की मौजदूगी में संपन्न होगा। लाखों भक्तों को भी देवधामों में आने पर पाबंदी से उन्हें भी निराश होना पड़ा है। कपाट खुलने के बाद सरकार क्या भक्तों को केदारधाम आने की अनुमति देगी! इसका तो भविष्य में ही पता चल सकेगा किंतु हालिया स्थिति में केदारनाथ के प्रमुख पड़ाव स्थल के साथ ही पैदल मार्ग और धाम में सन्नाटा ही पसरा रहेगा।
बीते वर्ष 9 घंटे ही हुए थे गर्भ गृह में दर्शन
बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में कुल 135023 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। जबकि महज साढ़े 9 घंटे ही भक्तों को सीधे गर्भगृह में जाकर भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग के दर्शन करने का पुण्य अवसर मिला था। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते 29 अप्रैल को जब केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए तो, इससे पहले बाबा केदार की चल विग्रह डोली को ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर से पहली बार वाहन से सीधे गौरीकुंड ले जाया गया। यह बदलाव भी पहली बार दिखा। इसके बाद 30 अप्रैल से 11 जून तक केदारनाथ में यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया। कोई भी यात्री केदारनाथ नहीं पहुंच सका।
इसके बाद राज्य सरकार ने 12 जून से गंगोत्री यमुनमोत्री के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ में यात्रियों को जाने की अनुमति तो दी किंतु मंदिर परिसर के बाहर से ही दर्शनों की इजाजत दी गई। इसके बाद 7 अक्टूबर से केदारनाथ में सभा मंडप से भक्तों को दर्शन की अनुमति दी गई। जबकि कपाट बंद होने से ठीक एक दिन पहले केदारनाथ में तीर्थयात्रियों को गर्भगृह में प्रवेश करने दिया गया। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित डेढ़ हजार यात्रियों ने बीते वर्ष कपाट बंद होने के मौके पर रविवार सुबह साढ़े 6 बजे से 2 बजे और सोमवार को सुबह 2 बजे से 4 बजे गर्भगृह में जाकर बाबा केदार के दर्शन किए थे। जबकि कोविड के चलते पूरे यात्रा काल में गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।