जशपुर। कर्मचारी अपनी SDM मैडम से तंग आ गए हैं। मैडम उनसे फल-सब्जी से लेकर मुर्गा-मटन और कबूतर तक की डिमांड करती हैं। पटवारियों और तहसीलदार को धमकाती हैं कि दो थप्पड़ लगाऊंगी, तो भी कुछ नहीं कर सकते हो। यह मैडम हैं छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले की बगीचा की SDM ज्योति बबली कुजूर। कर्मचारियों ने उनके ऊपर आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की है।
दरअसल, कर्मचारियों ने कलेक्टर महादेव कावरे को दिए आवेदन में शिकायतों का अंबार लगा दिया है। दो पेज में 8 प्वाइंट्स के जरिए बगीचा व सन्ना के तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों, राजस्व निरीक्षकों, पटवारियों और कर्मचारियों ने शिकायत की है। उन्होंने कलेक्टर से निवेदन किया है कि SDM मैडम को जिले में अटैच कर उनके खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाए। वह प्रताड़ित हो रहे हैं और डर के वातावरण में काम करने को मजबूर हैं।
होली गिफ्ट के नाम पर वसूले दो लाख रुपए, नहीं देने पर तहसीलदार को मीटिंग से निकाला
आरोप लगाया है कि कलेक्टर को होली गिफ्ट दिए जाने के नाम पर 2 लाख रुपए वसूलने का निर्देश दिया। इसके लिए बगीचा तहसीलदार को पटवारी और राजस्व निरीक्षकों से 7-7 हजार रुपए जमा कराने को कहा। मीटिंग में तहसीलदार ने बताया कि वह दो लाख रुपए एकत्र नहीं कर सके, तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया। पटवारी व राजस्व निरीक्षकों से हर माह 7-7 हजार रुपए जमा करने को कहा था। विरोध करने पर एक-एक हजार रुपए लिया गया।
घर के लिए सामान मंगवाती हैं, बिल कर्मचारी भरते हैं
कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि SDM बगीचा अपने घरेलू व निजी उपयोग की सामग्री राशन, सब्जी, फल, जूस, दही , ड्राईफूट्स , देशी मुर्गा, मटन, कबूतर, बर्तन को पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों और क्लर्क से मंगवाती हैं। इसके बिल का भुगतान भी कर्मचारियों को ही करना पड़ता है। सामान मंगवाने के लिए फोन पर आर्डर किया जाता है। जो तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामान भेजने से मना करते हैं, उन्हें कार्यवाही की धमकी दी जाती है।
ट्रांसफर के नाम पर भी कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने का आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि प्रोटोकाॅल ड्यूटी के नाम पर पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों से अनावश्यक सामग्री की खरीदारी कराई जाती है। फिर खरीदे गए सामान को घर पहुंचाने के लिए कहती हैं। मना करने पर दबाव डालकर मंगाया जाता है। आरोप है कि SDM ने 17 फरवरी को पटवारियों को पाट क्षेत्र में ट्रांसफर करने के नाम पर ब्लैकमेल कर 25 से 30 हजार रुपए वसूल किए हैं। जिन्होंने मना कर दिया, उनका दूरस्थ और पाट क्षेत्र में ट्रांसफर किया गया है।
हमर अंचरा कार्यक्रम के लिए कर्मचारियों से लेती हैं चंदा, फिर होती है कमीशनखोरी
सरकार की ओर से गरीबों को निशुल्क सामाग्री वितरित करने के लिए हमर अंचरा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। SDM इसके बैंक खाते में कर्मचारियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से 1 से लेकर 5 हजार रुपए तक चंदा जमा करवाती हैं। इससे करीब 20 से 25 लाख रुपए जमा कराए गए हैं। सामग्री वितरण के नाम पर कमीशनखोरी की जा रही है। इसकी जांच किया जाना उचित होगा। एकत्रित राशि का उपयोग वहीं किया जाता है, जहां से मैडम को कमीशन मिलता है।
सारी शिकायतें निराधार
SDM ज्योति बबली कुजूर ने शिकायत को निराधार बताया है। इसके आगे वे बात करने को तैयार नहीं हैं।
कलेक्टर बोले- जांच होगी
वहीं कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि डाक के माध्यम से शिकायत मिली है। पूरे मामले में जांच की जाएगी।