कोरोना काल में जितना लोग इस महामारी से परेशान हैं उतना ही इस सवाल से है कि कौन सी वैक्सीन लगवाएं और कौन सी नहीं । और यदि वैक्सीन का फैसला हो भी गया हो तो कब लगवानी चाहिए , कहां लगवानी चाहिए , क्या कोरोना से ठीक होने के बाद लगवा सकते है वैक्सीन । क्योंकि कोरोना से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है और वो है वैक्सीन।
केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद कोरोनावायरस का टीका लगाया जा सकता है। इसके अलावा वैक्सीन की पहली डोज के बाद कोरोना पॉजिटिव हुए व्यक्ति को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक भी तीन महीने बाद ही लेनी चाहिए।
व्यक्तिगत चिकित्सकों ने रोगी की स्थिति के आधार पर दो या चार सप्ताह के अंतराल पर वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी, बता दें सरकारी पैनल ने सिफारिश की थी कि जो लोग COVID-19 के लिए कोरोना पॉजिटिव टेस्ट में आते हैं, उन्हें ठीक होने के बाद छह से नौ महीने तक टीकाकरण नहीं कराना चाहिए। इसको लेकर 20 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा कि ठीक हो चुके कोविड 19 रोगियों को टीकाकरण के लिए छह महीने तक इंतजार करने से दोबारा संक्रमण की संभावना के कारण उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए तीन महिनों के अंतराल के बाद कोई भी कोविड से बचने के लिए वैक्सीन लगा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह की आज राज्यों के साथ बड़ी बैठक, ब्लैक फंगस पर अहम चर्चा…
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह की आज राज्यों के साथ बड़ी बैठक, ब्लैक फंगस पर अहम चर्चा…
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कोरोना काल में जितना लोग इस महामारी से परेशान हैं उतना ही इस सवाल से है कि कौन सी वैक्सीन लगवाएं और कौन सी नहीं । और यदि वैक्सीन का फैसला हो भी गया हो तो कब लगवानी चाहिए , कहां लगवानी चाहिए , क्या कोरोना से ठीक होने के बाद लगवा सकते है वैक्सीन । क्योंकि कोरोना से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है और वो है वैक्सीन।केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद कोरोनावायरस का टीका लगाया जा सकता है। इसके अलावा वैक्सीन की पहली डोज के बाद कोरोना पॉजिटिव हुए व्यक्ति को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक भी तीन महीने बाद ही लेनी चाहिए।व्यक्तिगत चिकित्सकों ने रोगी की स्थिति के आधार पर दो या चार सप्ताह के अंतराल पर वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी, बता दें सरकारी पैनल ने सिफारिश की थी कि जो लोग COVID-19 के लिए कोरोना पॉजिटिव टेस्ट में आते हैं, उन्हें ठीक होने के बाद छह से नौ महीने तक टीकाकरण नहीं कराना चाहिए। इसको लेकर 20 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा कि ठीक हो चुके कोविड 19 रोगियों को टीकाकरण के लिए छह महीने तक इंतजार करने से दोबारा संक्रमण की संभावना के कारण उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए तीन महिनों के अंतराल के बाद कोई भी कोविड से बचने के लिए वैक्सीन लगा सकता है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह की आज राज्यों के साथ बड़ी बैठक, ब्लैक फंगस पर अहम चर्चा…कौन सी वैक्सीन लगवाएं?
जैसे जैसे कोरोना का पीक पीरिएड खत्म हो रहा है वैक्सीन भी बाजार में आ रहे हैं। इन दिनों विदेशी वैक्सीन भी बाजार में उपलब्ध है। लेकिन भारत में जो दो वैक्सीन लगाई जा रहीं है वो कोरोना को रोकने के लिए कारगर है। फिर चाहे वो कोविशील्ड हो या फिर को वैक्सीन। दोनों को लगाने में समय का अंतराल जरुर है लेकिन ये दोनों ही वैक्सीन आपको कोरोना से बचा सकती है। इसलिए इस गलतफहमी में बिल्कुल ना रहे कि हम ये नहीं वो वाली लगाएंगे। क्योंकि यदि आपने अपनी च्वाइस की वैक्सीन का इंतजार किया और कोरोना की चपेट में आ गए. तो यकीन मानिए शायद ही आपको वैक्सीन लगाने का मौका मिल पाए। क्योंकि कई लोगों की मौतें सिर्फ इसलिए भी हुई हैं क्योंकि उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही बरती। इसलिए यदि आपने थोड़ी भी पढ़ाई की है तो पढ़ा लिखे दिमाग का इस्तेमाल करें। ना कि अनपढ़ जैसी सोच ।क्योंकि आपकी ये सोच आप और आपके परिवार पर हावी हो सकती है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह की आज राज्यों के साथ बड़ी बैठक, ब्लैक फंगस पर अहम चर्चा…
कौन सी वैक्सीन लगवाएं?
जैसे जैसे कोरोना का पीक पीरिएड खत्म हो रहा है वैक्सीन भी बाजार में आ रहे हैं। इन दिनों विदेशी वैक्सीन भी बाजार में उपलब्ध है। लेकिन भारत में जो दो वैक्सीन लगाई जा रहीं है वो कोरोना को रोकने के लिए कारगर है। फिर चाहे वो कोविशील्ड हो या फिर को वैक्सीन। दोनों को लगाने में समय का अंतराल जरुर है लेकिन ये दोनों ही वैक्सीन आपको कोरोना से बचा सकती है। इसलिए इस गलतफहमी में बिल्कुल ना रहे कि हम ये नहीं वो वाली लगाएंगे। क्योंकि यदि आपने अपनी च्वाइस की वैक्सीन का इंतजार किया और कोरोना की चपेट में आ गए. तो यकीन मानिए शायद ही आपको वैक्सीन लगाने का मौका मिल पाए। क्योंकि कई लोगों की मौतें सिर्फ इसलिए भी हुई हैं क्योंकि उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही बरती। इसलिए यदि आपने थोड़ी भी पढ़ाई की है तो पढ़ा लिखे दिमाग का इस्तेमाल करें। ना कि अनपढ़ जैसी सोच ।क्योंकि आपकी ये सोच आप और आपके परिवार पर हावी हो सकती है।
जैसे जैसे कोरोना का पीक पीरिएड खत्म हो रहा है वैक्सीन भी बाजार में आ रहे हैं। इन दिनों विदेशी वैक्सीन भी बाजार में उपलब्ध है। लेकिन भारत में जो दो वैक्सीन लगाई जा रहीं है वो कोरोना को रोकने के लिए कारगर है। फिर चाहे वो कोविशील्ड हो या फिर को वैक्सीन। दोनों को लगाने में समय का अंतराल जरुर है लेकिन ये दोनों ही वैक्सीन आपको कोरोना से बचा सकती है। इसलिए इस गलतफहमी में बिल्कुल ना रहे कि हम ये नहीं वो वाली लगाएंगे। क्योंकि यदि आपने अपनी च्वाइस की वैक्सीन का इंतजार किया और कोरोना की चपेट में आ गए. तो यकीन मानिए शायद ही आपको वैक्सीन लगाने का मौका मिल पाए। क्योंकि कई लोगों की मौतें सिर्फ इसलिए भी हुई हैं क्योंकि उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही बरती। इसलिए यदि आपने थोड़ी भी पढ़ाई की है तो पढ़ा लिखे दिमाग का इस्तेमाल करें। ना कि अनपढ़ जैसी सोच ।क्योंकि आपकी ये सोच आप और आपके परिवार पर हावी हो सकती है।