अंबिकापुर। अंबिकापुर में अब पुलिस भी सुरक्षित नहीं रह गई है। अब गुरुवार देर रात कुछ बदमाशों ने थाने में घुसकर वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। ये गाड़ियां वहां पदस्थ पुलिसकर्मियों की ही थीं। आवाज सुनकर पुलिसकर्मी बाहर परिसर में आए, और आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक गाड़ियां जलकर खाक हो चुकी थी। सूचना मिलने पर सुबह अधिकारी भी थाने पहुंचे। मामला कुन्नी पुलिस चौकी का है।
जानकारी के मुताबिक, कोरबा बार्डर पर लखनपुर थाना क्षेत्र के कुन्नी पुलिस चौकी में पदस्थ पुलिसकर्मियों की कार और बाइक खड़ी थी। देर रात करीब 12 से 1 के बीच किसी ने केरोसिन से भीगा बोरा उसके ऊपर डालकर आग लगा दी। गाड़ियों के टायर फटने की आवाज आई तो पुलिसकर्मी बाहर आए। वहां कोई नहीं था। आग लगी देख उन्होंने बुझाने का प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। अभी तक पता नहीं चल सका है कि यह किसने किया।
मौसम खराब होने के कारण लाइट नहीं थी, पूरा क्षेत्र अंधेरे में था
स्थानीय लोगों ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण कुन्नी चौकी क्षेत्र में लाइट नहीं थी। जिससे पूरे क्षेत्र में अंधेरा था। इसका फायदा उठाते हुए बदमाशों ने बोरे को मिट्टी तेल से भिगो कर वाहनों पर फेंक दिया। इसके चलते वह भी आग की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि कार वहां तैनात हेड कांस्टेबल की और बाइक एक अन्य कांस्टेबल की थी। वहीं सरगुजा SP टीआर कोशिमा ने SDOP चंचल तिवारी को मौके पर भेजा और जांच के निर्देश दिए हैं।
फरवरी में थाने में कांस्टेबल को पीटा था, तब 3 हुए थे गिरफ्तार
इससे पहले भी 28 फरवरी को मोटर व्हीकल एक्ट में पकड़े गए तीन आरोपियों ने सदर कोतवाली में कांस्टेबल की पिटाई कर दी थी। आरोपी पहले अन्य पुलिसकर्मियों से उलझे। इसी दौरान कांस्टेबल सत्येंद्र दुबे आया और उसने शांत रहने के लिए कहा। कुछ देर बाद आरोपियों ने अपने साथियों को बुला लिया और कांस्टेबल की पिटाई कर दी। सूचना मिलने पर अफसर पहुंचे तो उन्हें जाने दिया। हंगामा बढ़ा तो तीन दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
इससे पहले भी 28 फरवरी को मोटर व्हीकल एक्ट में पकड़े गए तीन आरोपियों ने सदर कोतवाली में कांस्टेबल की पिटाई कर दी थी। आरोपी पहले अन्य पुलिसकर्मियों से उलझे। इसी दौरान कांस्टेबल सत्येंद्र दुबे आया और उसने शांत रहने के लिए कहा। कुछ देर बाद आरोपियों ने अपने साथियों को बुला लिया और कांस्टेबल की पिटाई कर दी। सूचना मिलने पर अफसर पहुंचे तो उन्हें जाने दिया। हंगामा बढ़ा तो तीन दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।