नई दिल्ली। गंगा नदी में शवों को बहाने के मामले पर केंद्र ने गंभीर ¨चता जताते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार सहित सभी राज्यों को तुरंत ही इस पर रोकथाम के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि यह भी सुनिश्चित करें कि कहीं भी गंगा में शवों को न छोड़ा जाए।
कोरोना संक्रमण से मौत: शवों के अंतिम संस्कार की सुरक्षित और बेहतर व्यवस्था तैयार हो
सभी जगहों पर शवों का सम्मान के साथ और सुरक्षित अंतिम संस्कार की व्यवस्था तैयार की जाए। केंद्र ने फिलहाल यह सख्ती कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों के बाद शवों को गंगा में डाले जाने की आ रही खबरों के मद्देनजर दिखाई है।
सीपीसीबी ने राज्यों के प्रदूषण बोर्डों को शव बहाए जाने पर रोक लगाने का दिया निर्देश
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी राज्यों के प्रदूषण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वह गंगा सहित दूसरी नदियों में शवों को बहाए जाने की घटनाओं पर तुरंत ही रोक लगाए। गंगा में शवों को बहाने की घटना को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया है।
उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर से उठाए गए कदमों की ली जानकारी
मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार ने भी इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारियों के साथ चर्चा की। साथ ही पिछले दिनों इस संबंध में दिए गए निर्देशों के पालन की जानकारी भी ली। दोनों ही राज्यों ने शवों के अंतिम संस्कार को लेकर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। साथ ही बताया कि वह नदियों के किनारों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। इस बीच नदियों के आस-पास रहने वाले लोगों को इसे लेकर जागरूक करने को लेकर भी सहमति बनी। फिलहाल सबकी चिंता पानी में फैलने वाले प्रदूषण को लेकर थी।
कानपुर-उन्नाव के बीच बड़ी संख्या मे गंगा नदी में शव पाए जाने के कारण गरमाई राजनीति
दरअसल पिछले दिनों कानपुर और उन्नाव के बीच बड़ी संख्या मे शव पाए गए थे। उसके बाद राजनीति भी गरमाई और आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हुआ। एक तरफ इसे सीधे तौर पर कोविड के दौरान होने वाली मौतों और अंतिम संस्कार की व्यवस्था न होने से जोड़ा गया तो दूसरी ओर यह याद दिलाई गई कि ऐसी घटना अखिलेश यादव सरकार के समय भी हुई थी, जब लगभग सौ शव पाए गए थे।