जयपुर। Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संक्रमितों और मरने वालों की संख्या में कमी का राज उजागर हुआ तो राजनीति भी गरमा गई। दरअसल, चिकित्सा विभाग की ओर से जारी अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में संक्रमण की दर 10 फीसद रह गई है। इसी बीच भरतपुर जिले के नदबई स्थित सरकारी अस्पताल के डाक्टर पवन गुप्ता ने क्षेत्रीय सांसद रंजीता कोली के समक्ष स्वीकार किया कि राज्य सरकार ने संक्रमितों और मरने वालों की संख्या कम दर्शाने के निर्देश दिए हैं। सांसद और गुप्ता की इस बातचीत का किसी ने मोबाइल से वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। अब चिकित्सा सचिव के निर्देश पर भरतपुर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. कप्तान सिंह ने गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
नोटिस में कहा गया कि उनके बयान से सरकार की छवि खराब हुई है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। गौरतलब है कि गत दिनों सांसद कोली अपने संसदीय क्षेत्र भरतपुर के नदबई के दौरे पर थीं। इस दौरान वह स्थानीय सरकारी अस्पताल में पहुंची। यहां मौजूद एक मरीज ने सांसद से कहा कि उनकी कोरोना जांच नहीं हो रही है। इस पर सांसद ने अस्पताल के प्रभारी डा.पवन गुप्ता से जांच नहीं करने के बारे में सवाल किया । इस पर डा.गुप्ता ने जवाब दिया कि राज्य सरकार ने कोरोना की जांच कम करने के निर्देश दिए हैं। आंकड़े भी कम बताने हैं। इस पर सांसद ने कहा कि यह गलत किया जा रहा है। कोरोना वापस फैलेगा तो इस पर काबू पाना मुश्किल होगा । अब विभाग की ओर से नोटिस मिलने के बाद डा.गुप्ता ने अपनी सफाई में कहा कि वीडियो में मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मैंने राज्य सरकार व कोरोना जांच को लेकर कोई बात ही नहीं की थी।
लोग मर रहे, सरकार आंकड़े छुपा रही: भाजपा
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बुधवार को कहा कि राज्य में अस्पतालों की दशा नहीं सुधरी और न ही आक्सीजन प्लांट लगाए गए। बेड और दवा की कालाबाजारी हो रही है । मरीज अस्पताल के दरवाजे पर मर रहे हैं। सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। वैक्सीन के मामले में लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
भाजपा ने घेरा तो गहलोत ने मौतों का आडिट कराने के दिए निर्देश
राजस्थान में कोरोना से हुई मौतों को लेकर भाजपा ने घेरा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण से हुई मौत से जुड़े मामलों की आडिट करवाने के निर्देश दे दिए हैं। इस दौरान गहलोत ने कहा कि हमें आंकड़ों की नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है। उधर, गहलोत ने गंगा और यमुना नदियों में कोरोना से मरने वालों की लाशें बहाने की घटनाओं पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह गंगा और यमुना सहित पवित्र नदियों के किनारे लाशें दफनाई जा रही हैं या बहाई जा रही हैं, उसका केंद्र को संज्ञान लेना चाहिए। बारिश के मौसम में इन शवों से संक्रमण फैल सकता है।
वैक्सीन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
कोरोना वैक्सीन के मुद्दे को लेकर राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है । राज्य सरकार का कहना है कि एक देश एक कीमत के आधार पर केंद्र सरकार राज्यों को पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध करवाए। इसी बीच बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन को गलत बयानबाजी से बचना चाहिए। आज जब देश में वैक्सीन की कमी है तो वह कह रहे हैं कि देश में एक करोड़ वैक्सीन है। यह जरूरत के मुकाबले बहुत कम हैं। उधर, राज्य के चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान को मई में जितने डोज मिलने चाहिए थे, उसमें से 16.90 हजार टीके अब तक केंद्र सरकार ने नहीं भेजे हैं।