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डौंडी। बालोद जिले में हाथियों के दल ने एक बार फिर दस्तक दिया है. हाथियों के पहुंचने से लोगों में काफी दहशत का माहौल है. पहले दिन तो हाथियों के दल ने केवल फसलों को ही नुकसान पहुंचाया था, लेकिन दूसरे दिन खेत रखवाली कर रहे एक अधेड़ को अपनी चपेट में ले लिया. खेत से 300 मीटर दूर ले जाकर उसे मौत के घाट उतार दिया.मिली जानकारी के अनुसार दल्लीराजहरा वन परिक्षेत्र के अरजगुन्ड्रा निवासी देवार कुमेटी और आमापारा बालोद निवासी भगवान सिंह कुमेटी दोनों अपने खेत की रखवाली करने रात लगभग 12 बजे घर से निकले. खेत पहुंचते ही दोनों ने 22 से 24 हाथियों के झुंड को खेत में देखा तो काफी डर गए. जिसके बाद अपनी जान बचाने के लिए दोनों अपने गांव की ओर भागे. जिसके बाद देवार कुमेटी तो सही सलामत घर पहुंच गया, लेकिन दूसरा भाई भगवान सिंह घर नहीं पहुंचा।रात को ही समूह में खोजने निकले ग्रामीणदेखते ही देखते भगवान सिंह के लापता होने की खबर पूरे गांव में फैल गई. गांव के लोग झुंड में भगवान सिंह को तलाशने के लिए निकले. रात भर खोजने पर भी भगवान सिंह का कोई पता नहीं चला. फिर सुबह से खेत की ओर दर्जनों ग्रामीण भगवान सिंह को ढूंढ रहे थे. पूरे दिन ढूंढने के बाद आखिरकार 15 घण्टे बाद खेत से 300 मीटर दूर भगवान सिंह की लाश मिली.2 महीने पहले भाई से मिलने गया था गांवबताया जा रहा है मृतक भगवान सिंह आमापारा बालोद का निवासी है, जो अपने चाचा के लड़के देवार कुमेटी के गांव अरजगुन्ड्रा मिलने के लिए गया हुआ था. जहां रुककर वह खेत की रखवाली करने में भाई का सहयोग करता था.दो हिस्सों में बटा था हाथियों का समूहकरीब 4 महीने बाद हाथियों का दल एक बार फिर 23 मई को बालोद जिले के मरकाटोला पहुंचा. कांकेर जिले के चारामा क्षेत्र से जब हाथियों का दल बालोद जिला पहुंचा, तो हाथियों की संख्या 10 से 12 थी. लेकिन मंगलवार को ग्रामीणों ने हाथियों के झुंड में लगभग 22 से 24 हाथियों को देखा. जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं.बता दें कि आखिरी बार मंगलतराई उप परिक्षेत्र में हाथियों को देखा गया था. जिसके आसपास के जबकोहडा, गिधाली, कुरूटोला गांव को अलर्ट किया गया था. लेकिन हाथियों ने अपना रास्ता बदलकर अरजगुन्ड्रा गांव आज पहुंचे. यहां एक अधेड़ को मौत के घाट उतार दिया।