रायपुर। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में लोगों को महामारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान तो शुरु हो चुका है, लेकिन देश में आवश्यकता के मुकाबले वैक्सीन की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पा रही है। देश में इस वक्त भारत बायोटेक द्वारा निर्मित को-वैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड के दो डोज देश के लोगों को लगाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। वैक्सीन का दूसरा डोज लगने की तारीख नजदीक आ गई है। वहीं सरकार के स्टॉक में वैक्सीन है ही नहीं। अगर समय से वैक्सीन नहीं मिली तो लोगों का पहला डोज लेना भी बेकार हो जाएगा।
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दरअसल राज्य सरकार ने अपने खर्च पर एक मई से 18 + का टीकाकरण शुरू किया था। पहले दिन कोवैक्सीन की 1.50 लाख डोज आई थी। पहले दिन 1945 लोगों को टीका लगाया गया। दूसरे दिन 8 हजार 579 लोगों को कोवैक्सीन दिया गया। शुरुआती दिनों में ही उस खेप से एक लाख 46 हजार 591 लोगों को टीका लगा दिया गया। दूसरी डोज के साथ जुड़े संकट के लिए ही 3 हजार 409 डोज बचा लिया गया।
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कोवैक्सीन के उत्पादक भारत बायोटेक ने मई महीने में 3 लाख डोज की आपूर्ति की जानकारी दी थी, लेकिन एक मई के बाद उनकी कोई खेप नहीं पहुंची। डॉक्टरों के मुताबिक कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने के 28 दिन बाद दूसरी खुराक लगाई जानी है। इस मान से जिन लोगों ने एक मई को कोवैक्सीन का टीका लगवाया था, उन्हें 29 मई को दूसरा टीका लगना है।
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राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया, राज्य वैक्सीन भंडार में बुधवार सुबह तक कोविशील्ड के 40 हजार डोज और कोवैक्सीन के करीब 4 हजार डोज बचे थे। उसमें से कोविशील्ड को अधिकतर को जिलों में भेज दिया गया। दोनों टीका उत्पादकों ने अभी अगली खेप की कोई सूचना नहीं दी है। वहीं 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए केंद्र सरकार कोटे की 2 लाख डोज वैक्सीन आज रायपुर पहुंच रही है। यह भी कोविशील्ड वैक्सीन होगी।
केंद्र से मांगी 45 + कोटे से वैक्सीन लेने की अनुमति
टीकों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मदद मांगी है। स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है। कहा गया है कि अगर संभव हो तो केंद्र सरकार के चैनल से 45 + के लोगों के लिए भेजी गई वैक्सीन में से उपयोग की अनुमति दी जाए।