देश में कोरोना काल के साथ ही दो समुद्रीय चक्रवाती तूफान ने भी जमकर तबाही मचाई है। इसके साथ ही मौसम में भी उलटफेर हुआ है। विकराल गर्मी का महीना मई, इस बार बगैर हायतौबा के निकलने जा रहा है और अब मानसून के दस्तक का इंतजार होने लगा है। मौसम विज्ञान के मुताबिक अधिकतम दो दिनों के भीतर मानसून की दस्तक के आसार हैं। इसके पीछे वजह चक्रवाती तूफानों को बताया जा रहा है।
2 से 3 दिन में केरल के तट पर दस्तक
दो चक्रवाती तूफान ताऊ-ते और यास गुजरने के बाद अब मानसून का इंतजार है। मानसून की उत्तरी सीमा कोमोरिन सागर (कन्याकुमारी के पास) तक पहुंच गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह अगले 2 से 3 दिन में केरल के तट पर दस्तक दे देगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव ने कहा है कि मानसून 31 मई को केरल के तट पर पहुंच जाएगा।
केरल में मानसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख वैसे एक जून है, लेकिन मौसम विभाग ने इसके 31 मई को ही दस्तक देने की भविष्यवाणी करते हुए 4 दिन प्लस-माइनस होने की संभावना भी जताई थी।
अभी सामान्य गति से चल रहा है मानसून
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने मानसून के दस्तक देने का दो दिन आगे-पीछे की गुंजाइश के साथ 30 मई का अनुमान लगाया था। मानसून अपनी सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अपनी तय तारीख 21 मई को दस्तक देने के बाद यह लगातार उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह 24 मई को श्रीलंका के दक्षिणी तटों तक पहुंच चुका था और तीन दिन में श्रीलंका के उत्तरी सिरे के करीब पहुंच चुका है।
करीब 200 किलोमीटर दूर
गुरुवार को मानसून मालदीव को भी पार कर चुका है। मानसून की उत्तरी सीमा केरल के तट से अभी करीब 200 किलोमीटर दूर है। ताऊ ते तूफान के गुजरने के दौरान और उसके बाद भी केरल में भारी बारिश हुई है। इस हफ्ते की शुरुआत से ही केरल के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही थी, लेकिन गुरुवार से इसमें कमी आने लगी है।
बंगाल की खाड़ी में आए यास तूफान के चलते भी मानसून के जल्द पहुंचने यानी 27-29 मई तक ही आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब 30 मई से एक जून के बीच ही मानसून के दस्तक देने के आसार हैं। मौसम विभाग मानसून की प्रगति पर नजर बनाए हुए है।