रायपुर। छत्तीसगढ़ में 18 प्लस का वैक्सीनेशन लगभग बंद होने की स्थिति पर है। इस पर सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चैबे का बयान सामने आया है। चौबे ने कहा कि अधिकांश राज्यों की यही स्थिति है। केंद्र सरकार को तय करना चाहिए कि टीकाकरण राज्यों का मसला है तो संपूर्ण टीकाकरण की जवाबदारी और टीका मंगाने की नीति सब कुछ राज्यों को सौंपा जाना चाहिए। 18 प्लस के वैक्सीनेशन के लिए केंद्र के पास कोई धनराशि है कि नहीं है, स्पष्ट किया जाना चाहिए। चौबे ने वैक्सीनेशन नहीं होने का पूरा दोष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर मढ़ दिया है।
75 लाख डोज वैक्सीन का आर्डर
विदित है कि केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरु तो किया है, लेकिन इसके लिए प्रति डोज कीमत तय की गई थी, जिस पर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने वैक्सीनेशन का जिम्मा लेते हुए प्रदेश में टीकाकरण को मुफ्त घोषित कर दिया। वहीं 75 लाख डोज वैक्सीन का आर्डर भी किया है, लेकिन वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होने की वजह से प्रदेश में युवाओं का टीकाकरण समय पर नहीं हो पा रहा है। इसके लिए भूपेश सरकार ने सीधे तौर पर केंद्र की नीति को जिम्मेदार बताया है।
मोदी से इस्तीफा मांगने की सलाह
दूसरी तरफ पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के ट्वीट पर रविंद्र चैबे का बयान भी सामने आया है। उन्होंने तत्काल अजय चंद्राकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफा मांगने की सलाह दी है। चौबे ने कहा कि हमारा आरोप है जितनी भी कंपनियों ने हिंदुस्तान में वैक्सीन बनाने के लिए निवेदन किया था उन्हें परमिट नहीं देने के पीछे केंद्र सरकार की साजिश है।
छत्तीसगढ़ में पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर खोले जाने पर रविंद्र चैबे ने कहा कि स्वास्थ्य को जानने वाले लोगों का कहना है कि पोस्ट कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन पूरे विश्व को देखने को मिलेगा। पिछली कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जो भी सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी, उसके लिए प्रदेश में धनराशि की कोई कमी नहीं होगी।