रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ने किस कदर आतंक मचाया है, किसी से छिपा नहीं है। वजह को लेकर बहस का कोई औचित्य नहीं है, लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश में जिस तरह की लापरवाही बरती गई, उसका दुष्परिणाम बीते दो माह के भीतर देखने को मिल चुका है। दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ गई है, चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो चुकी है, लेकिन महज दो महीनों में प्रदेश को जितना नुकसान उठाना पड़ा है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती, इस हर किसी को अपने जेहन में रखने की आवश्यकता है।
दूसरी लहर और भी ज्यादा खतरनाक
विश्व संगठन के साथ ही केंद्र सरकार ने तीसरी लहर को लेकर अभी से आगाह कर दिया है। कोरोना से जंग अभी समाप्त नहीं हुई है और जैसा अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है, उसके मुताबिक सितंबर से दिसंबर के बीच का समय दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
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ताकि फिर ना पकड़े रफ्तार
छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से राजधानी रायपुर से लेकर प्रदेश के करीब 22 जिलों को लाॅकडाउन करना पड़ गया था। 45 दिनों के लंबे अंतराल के बाद अब जाकर अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन समय का बंधन अभी भी रखना पड़ रहा है, ताकि संक्रमण का स्तर फिर से रफ्तार ना पकड़ पाए। इसी कड़ी में प्रदेश के देशी शराब दुकानों को खोल दिया गया है।
आधिकारिक पुष्टि नहीं
अब संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश में 31 मई के बाद अंग्रेजी शराब दुकानों को भी खोल दिया जाएगा। पर शराब के शौकीनों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। आमतौर पर शराब की दुकानों में यह देखा जाता है कि लोग पहले खरीदने के चक्कर में पड़कर संयम और दिशा-निर्देशों का पालन करना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से कोरोना महामारी के संक्रमण का रास्ता सुगम हो जाता है और उसका हर्जाना पूरे प्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ता है। हालांकि इस तथ्य को लेकर किसी तरह की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सरकार इस पर विचार कर सकती है।