भाटापारा। छत्तीसगढ़ के भाटापारा कृषि उपज मंडी में मजदूर हड़ताल पर जाने से मंडी में 3 किमी लंबा जाम लग गया है। जाम में करीब 400 गाड़ियों फंसी है। मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने से किसान परेशान हो रहे हैं। सोमवार से किसान तपती धूप में खड़े हैं। मजदूरों के हड़ताल को देखते हुए मंडी में खरीदी बंद कर दी गई है।
पांच दिनों से जारी हड़ताल
बता दें कि भाटापारा कृषि उपज मंडी में 5 दिनों से किसान तपती धूप में अपनी उपज बेचने खड़े हैं। मजदूरों ने अपनी मांगो को लेकर हड़ताल शुरू कर दिया है। इसके चलते खरीदी बंद कर दी गई है। करीब चार किलोमीटर तक किसानों की गाड़ियों का जाम लग गया है। सेामवार को आए किसान आज पांचवे दिन भी अपनी उपज नहीं बेच पाए हैं। किसान अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं। वही उपज मंडी में हमाल और रेजा मजदूरों ने भी कामबंद कर हड़ताल कर दिया जिसके कारण से मंडी में खरीदी बंद हो गई। मजदूरों की मांग है कि लाॅकडाउन समय में जब मडी बंद थी उस समय भी आढ़तियों ने सीधे मिलरों को किसानों की उपज बेच रहे थे।
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मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी
वो भी औने-पौने दामों पर, वहीं बाहरी बाहर उपज बेचने के कारण मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिली और नियम अनुसार आड़तियों को मंडी में धान खरीदने और बेचने का अधिकार दिया गया है। उसके बाद भी नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। इन सब बातों को लेकर मजदूरों ने मंडी सचिव से मांग की है कि लाॅकडाउन के समय जो उपज बेचा गया है उसमे मजदूरों की मजदूरी निकाल कर उन्हें दी जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि आड़तियों को बाहर से उपज बेचने का अधिकार नहीं दिया जाए और ऐसा करने पर उनका लाइसेंस निरस्त किया जाए।
किसानों में जमकर आक्रोश
मामला गरमा गया है उधर किसान अपनी उपज नहीं बेचने से बौखलाए हुए है। मजदूरों और किसानों ने नारे बाजी एवं प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। मंडी सोमवार को खुली जिसमे मंगलवार और गुरूवार शासन के आदेशानुसार लाॅकडाउन के नाम पर बंद कर दिया गया। वही बुद्ध पूर्णिमा की भी छुटटी रही तीन दिन की छुट्टी के बाद आज फिर से मंडी को चालू किया गया था।