गरियाबंद। कल जिले के 4 बच्चों को बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम से घर भेजने के बदले सिक्योरिटी मनी मांगने का आरोप लगाते हुए पालकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मदद की गुहार लगाई है। जानकारी मिलते ही गरियाबंद जिला प्रशासन हरकत में आया और हरिद्वार जिला प्रशासन से सम्पर्क कर बच्चों के घर लौटने का मार्ग प्रशस्त किया। गरियाबंद जिला प्रशासन ने दावा किया है कि गुरुकुलम से बच्चों को उनके पालकों के सुपुर्द कर दिया गया है और वे आज हरिद्वार से अपने गृहग्राम के लिए रवाना होंगे
गरियाबंद जिले के धौराकोट और छैलडोंगरी गांव के 3 पालकों द्वारा हरिद्वार जिला शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र के अनुसार उन्होंने अपने चार बच्चों को 05 अप्रैल 2021 को सवा दो लाख रुपये जमा कर पढ़ाई के लिए पतंजलि के गुरुकुलम के सुपुर्द किया था। अब घर मे जरूरी काम होने के कारण वे अपने बच्चों को वापिस लाना चाहते है मगर गुरुकुल प्रशासन बच्चों को उनके सुपुर्द करने के बदले दो लाख रुपये की मांग कर रहा है। जिसे देने में वे समर्थ नही है। चार बच्चों में दो बालिकाएं भी शामिल है सभी की उम्र 04 से 11 वर्ष के बीच है।
पीड़ित पालकों ने मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मदद की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गरियाबंद कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर और एसपी भोजराम पटेल ने मामले को गंभीरता से लिया और पालकों को उनके बच्चों की सुपर्दगी के लिए उत्तराखंड प्रशासन से बातचीत की। कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने जहां उत्तराखंड में अपने बैचमेट आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हरिद्वार कलेक्टर से चर्चा की वही एसपी भोजराम पटेल ने अपनी बैचमेट तृप्ति भट्ट के माध्यम से हरिद्वार पुलिस अधीक्षक से चर्चा को आगे बढ़ाया।
देर रात तक दोनो अधिकारियों की मेहनत रंग लगाई और रात तकरीबन 10:40 बजे पालकों ने अधिकारियों से फोन कर बताया कि गुरुकुलम प्रबंधन ने बच्चों को उनके सुपुर्द कर दिया है और वे अब पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि वे जिला प्रशासन की पहल से पूरी तरह संतुष्ट हैं। वे शुक्रवार को अपने ग्राम के लिए रवाना होंगे।
पालकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवेंदनशील प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही जिला प्रशासन के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर एवं पुलिस अधीक्षक भोजराज पटेल को भी त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है ।।