नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से जारी सोशल मीडिया की नई गाइडलाइंस को लागू न करने पर ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। ट्विटर के खिलाफ यह अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्त अमित आचार्य की ओर से दाखिल की गई है। अर्जी में मांग की गई है कि ट्विटर को एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी के तौर पर अपने वैधानिक और कार्यकारी कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
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बता दें कि 26 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से सोशल मीडिया के लिए नई गाइडलाइंस का ऐलान किया गया था। इन नए नियमों को लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया और 26 मई से लागू करने की बात कही गई थी। इनमें से एक नियम यह भी है कि किसी विवादित, हिंसा फैलाने वाले, भड़काऊ और देश विरोधी पोस्ट की शुरुआत करने वाले अकाउंट के बारे में सोशल मीडिया कंपनी को जानकारी देनी होगी।
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ट्विटर, वॉट्सऐप जैसी कंपनियों ने इस नियम का विरोध किया है। इस नियम को लेकर कंपनियों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी और प्राइवेसी के खिलाफ है। ट्विटर ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया था, जिस पर सरकार ने सख्त आपत्ति जताई थी। आईटी मिनिस्ट्री ने स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप Koo पर जारी बयान में ट्विटर के रवैये पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि वह अपनी गलती को छिपा रहा है और भारत सरकार पर आरोप लगा रहा है। यही नहीं सरकार ने सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि ट्विटर ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अपने मुताबिक हांकने का प्रयास किया है।
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