रायपुर। बेमेतरा नगर पालिका के 6 भाजपा पार्षदों को आज 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इस कार्रवाई के साथ ही अब इन पार्षदों का फिलहाल कोई दलगत आधार शेष नहीं रहा। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा काफी गर्म हो गई है। चूंकि भाजपा से निष्कासित पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में अपनी पार्टी के साथ दगाबाजी की थी, पर कांग्रेस का साथ दिया था, लिहाजा चर्चा यह भी है कि सभी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पर सवाल यह है कि क्या कांगे्रस रजामंद होगी?
विधायक की सहमति जरुरी
बेमेतरा विधानसभा से कांग्रेस नेता आशीष छाबड़ा ने भाजपा के अवधेश चंदेल को पटखनी देकर जीत हासिल की है। युवा नेता आशीष की बेमेतरा में अपनी विशेष धाक है, लिहाजा भाजपा से निष्कासित पार्षदों को कांग्रेस प्रवेश के लिए सबसे पहले तो विधायक आशीष छाबड़ा का भरोसा जीतना होगा। यदि उनकी सहमति मिल जाती है, तो पार्षदों का कांग्रेस प्रवेश का रास्ता खुल सकता है। चर्चा इस बात की है कि 4 पार्षद यह मानसिकता बना चुके हैं कि वे कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो जाएगी।
भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
बेमेतरा नगर पालिका परिषद के भाजपा पार्षदों के निष्कासन के बाद राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। भाजपा के पूर्व मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि सभी पार्षदों ने पार्टी के खिलाफ जाकर क्रास वोटिंग की थी। इसके बाद पालिका में पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन पाया था। अब पार्टी ने ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाई की है। कांग्रेस के नेता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा प्रदेश में पूरी तरह से ढह गई है। लगातार भाजपा में पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। यही कारण है कि भाजपा विधानसभा के चुनावों में 14 सीटों पर सिमट गई थी। बेमेतरा के निष्कासित पार्षद अगर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से संबंध रखकर आना चाहेंगे तो उनका पार्टी में स्वागत है।