भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की बातें सामने आई है। वहीं दूसरी तरफ पूरे देश में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने अपनी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दो टीके लगा लिए हैं वो अब मास्क ना लगाए और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यानी अब पूरी तरह से टीका लगवा चुका कोई भी व्यक्ति, किसी जगह के भीतर या बाहर, बड़े या छोटे कार्यक्रमों में बिना मास्क पहनने या सामाजिक दूरी का पालन किए बिना हिस्सा ले सकता है।
कौन नहीं लगा सकता है टीका ?
पहले से ही बीमार चल रहे कुछ लोगों को टीका नहीं लगाया जा सकता. कैंसर या अन्य बीमारियों के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग टीका लगाने से भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। 12 से 15 साल की आयु के बच्चे 10 मई 2021 से फाइजर-बायोटेक का टीका लगवा सकते हैं. साथ ही अमेरिका में 12 साल से कम की आयु के करीब पांच करोड़ बच्चों के लिए अभी तक कोविड-19 रोधी किसी भी टीके को मंजूरी नहीं मिली है।
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कोविड वायरस क्यों है खतरनाक ?
कोविड-19 एक खास चुनौती पेश करता है क्योंकि बिना लक्षण वाले मरीज भी बीमारी फैला सकते हैं । ये मरीज जिनके संपर्क में आते हैं यदि उसने सावधानी नहीं बरती तो वो भी संक्रमित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या संक्रमण के पुष्ट मामलों के मुकाबले तीन से 20 गुना अधिक हो सकती है । शोधकर्ताओं का कहना है कि बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले मरीज कुल संक्रमण के 86 फीसदी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। हालांकि अन्य अध्ययनों में इस आकलन के विरोधाभासी तथ्य पेश किए गए हैं।
शोध के बाद ये बात आई सामने
इस तरह के शोध के नतीजे बताते हैं कि टीका लगवा चुके लोग संक्रमण की चपेट में आने से सुरक्षित होते हैं और उनके वायरस को फैलाने की संभावना भी कम होती है। अध्ययनों में पाया गया कि टीके की पहली खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में बिना टीका लगवाए संक्रमित पाए मरीजों की तुलना में शरीर में विषाणु का स्तर कम पाया गया। हाल ही में प्रसिद्ध बेसबॉल टीम न्यूयॉर्क यांकीज में टीका लगवा चुके सदस्यों के बीच संक्रमण फैलना यह दिखाता है कि टीका लगवा चुके लोग अब भी संक्रमित हो सकते हैं और साथ ही वे अपने संपर्क में आए लोगों के बीच कोरोना वायरस फैला सकते हैं।
इस तरह के शोध के नतीजे बताते हैं कि टीका लगवा चुके लोग संक्रमण की चपेट में आने से सुरक्षित होते हैं और उनके वायरस को फैलाने की संभावना भी कम होती है। अध्ययनों में पाया गया कि टीके की पहली खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में बिना टीका लगवाए संक्रमित पाए मरीजों की तुलना में शरीर में विषाणु का स्तर कम पाया गया। हाल ही में प्रसिद्ध बेसबॉल टीम न्यूयॉर्क यांकीज में टीका लगवा चुके सदस्यों के बीच संक्रमण फैलना यह दिखाता है कि टीका लगवा चुके लोग अब भी संक्रमित हो सकते हैं और साथ ही वे अपने संपर्क में आए लोगों के बीच कोरोना वायरस फैला सकते हैं।