GRAND NEWS कोरिया। परिवार में कोई शख्स जिंदगी की अंतिम सांसे गिन रहा हो, तो भी उसकी सांस उखड़ने से बचाने के लिए अंतिम समय तक प्रयास किए जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला के भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाली हकीकत सामने आई है। एक बीमार महिला को जिंदा रहते उसके ही परिवार वालों ने श्मशान पहुंचा दिया है। बीते पांच महीनों से वह रोज मर रही है, लेकिन उसकी इस हालत पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
बीमार वह महिला बेबस है
पति की मौत के बाद से बीमार वह महिला इतनी बेबस है, कि जिस खाट में उसे लिटाकर श्मशान घाट पहुंचाया गया है, बीते पांच महीनों से वह उसमें से उठ तक नहीं पाई है। आलम यह है कि इन पांच महीनों में उसे किसी दिन खाना मिल गया तो ठीक, नहीं मिला तो ठीक। जिस बिस्तर पर वह लेटी है, उसमें ही वह मल-मूत्र का त्याग करती है, जिसे वह साफ भी नहीं कर पाती। कुल मिलाकर वह जीते-जी नरक भोगने के लिए मजबूर है, पर वाह रे इंसान, उसकी मजबूरी पर किसी को तरस तक नहीं आ रहा है।
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श्मशान में ले जाकर छोड़ दिया
ग्रैंड न्यूज को जब इसकी जानकारी मिली, तो पड़ताल में पता लगा कि 8 माह पहले बेबी सारथी के पति की मौत हो गई। इसके बाद परिवार के लोगों ने उस पर ध्यान देना बंद कर दिया और वह बीमार होती चली गई। उससे पिंड छुड़ाने के लिए बच्चों और सास ने उसे श्मशान में ले जाकर छोड़ दिया फिर पलटकर भी नहीं देखा। इस बात को पांच महीने गुजर चुके हैं, लेकिन उसकी हालत पर तरस खाने वाला कोई नहीं पहुंचा है। उसे लकवा मार दिया है, जिसकी वजह से पैर नहीं चलता, लिहाजा वह बिस्तर पर लेटी रहती है, इस वजह से अब उसके पीठ पर गंभीर घाव हो चुके हैं। वह दर्द से बेचैन है, पर उसके मर्ज का इलाज नहीं हो पा रहा है।
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