नई दिल्ली। देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही इस बात की चेतावनी दे दी है और स्पष्ट कर दिया है कि तीसरी लहर खासतौर पर बच्चों के लिए कितनी घातक सिद्ध हो सकती है। ऐसे में नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा है कि देश ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना काफी अच्छी तरह से किया, इसलिए संक्रमण के नए मामलों की संख्या में काफी कमी आई है, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी होनी चाहिए, युवा आबादी अधिक प्रभावित न हो सके।
सितम्बर-अक्टूबर से शुरू होने की आशंका
उन्होंने कहा कि भारत के महामारी विशेषज्ञों ने बहुत स्पष्ट संकेत दिए हैं कि कोरोना की तीसरी लहर अपरिहार्य है, और इसके सितम्बर-अक्टूबर से शुरू होने की आशंका है, इसलिए देश को अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना चाहिए। उनका कहना है कि, हमने काफी हद तक अच्छा किया है, हमने दूसरी लहर का अच्छी तरह सामना किया और यह उसी का परिणाम है कि संक्रमण के नए मामले काफी कम हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारी वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी गतिविधियों की मदद, ऑक्सीजन बैंक बनाना, बड़ी संख्या में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए उद्योग स्थापित कर, हम महामारी से निपटने में कामयाब रहे। रेलवे, एयरपोर्ट, सैन्य बल का इस्तेमाल तरल ऑक्सीजन को ले जाने के लिए किया जा रहा है, देश में पहले 4 लाख से अधिक रोजाना मामले सामने आ रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के नए मामलों की संख्या गिर कर लगभग 1.2 लाख पर आ गई है।
तमाम सुरक्षा उपायों का पालन करते रहें
उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान भी भारत का प्रबंधन अच्छा था, उसने ही देश को वैश्विक महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने का आत्मविश्वास भी दिया, हमारा कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने का प्रबंधन शानदार था, जिसे हम आपातकालीन प्रबंधन कहते हैं। इसलिए कोरोना के लिए जारी गाइडलाईन, सोशल डिस्टेशिंग, मास्क, सेनीटाइजर और तमाम सुरक्षा उपायों का पालन करते रहें इन्हे छोड़ने या लापरवाही करने की गलती बिल्कुल भी न करें, जिससे तीसरी लहर से बचा जा सके।