नई दिल्ली। दुनिया के सबसे सीक्रेट देशों में गिना जाने वाला नॉर्थ कोरिया में वायरस से संक्रमण का पहला केस पिछले साल 26 जुलाई को आया था लेकिन बाद में कन्फर्म किया गया कि ये कोरोना नहीं था. नॉर्थ कोरेया ने 21 जनवरी 2020 से ही देश के बोर्डर सील कर दिए थे जो अभी तक खोले नहीं गए हैं. इसके अलावा यहां आने वाले लोगों को एक से दो महीने तक क्वारेंटाइन किया जाता है. अभी तक इस देश में कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
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इन सभी देशों में कोरोना ने जमकर आतंक मचाया है लेकिन तुर्कमेनिस्तान में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया. इस देश ने काफी पहले ही देश के बॉर्डर सील कर दिए थे. हालांकि, इस देश पर सच छिपाने का आरोप लगता है. कहा जाता है कि इस देश में कोरोनावायरस शब्द पर ही बैन लगा हुआ है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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नई दिल्ली। दुनिया के सबसे सीक्रेट देशों में गिना जाने वाला नॉर्थ कोरिया में वायरस से संक्रमण का पहला केस पिछले साल 26 जुलाई को आया था लेकिन बाद में कन्फर्म किया गया कि ये कोरोना नहीं था. नॉर्थ कोरेया ने 21 जनवरी 2020 से ही देश के बोर्डर सील कर दिए थे जो अभी तक खोले नहीं गए हैं. इसके अलावा यहां आने वाले लोगों को एक से दो महीने तक क्वारेंटाइन किया जाता है. अभी तक इस देश में कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।ALSO READ : अब आई अजीबोगरीब बीमारी, नजर आते है मरे हुए लोग, नहीं आती नींद, 48 लोगों में दिखे लक्षण इन सभी देशों में कोरोना ने जमकर आतंक मचाया है लेकिन तुर्कमेनिस्तान में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया. इस देश ने काफी पहले ही देश के बॉर्डर सील कर दिए थे. हालांकि, इस देश पर सच छिपाने का आरोप लगता है. कहा जाता है कि इस देश में कोरोनावायरस शब्द पर ही बैन लगा हुआ है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।ALSO READ : ट्रैक्टर ने बाइक सवार को मारी ठोकर, पीछे से आ रही ट्रक ने महिला को कुचला, हुई दर्दनाक मौतकिरबाती (Kiribati): ओशिनिया (Oceania) में स्थित इस देश में वायरस से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है. बीते डेढ़ साल से ये देश लॉकडाउन है और यहां स्कूल भी बंद है।also read : पीएम मोदी शाम 5 बजे करेंगे राष्ट्र को संबोधित, इन मुद्दों पर कह सकते हैं बड़ी बातेंटोंगा (Tonga): बीते साल फरवरी से ही टोंगा में स्ट्रिक्ट नियम बना दिया गया था. फिजी में जैसे ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था, वैसे ही 29 मार्च से यहां लॉकडाउन लगा दिया गया था. यहाँ तक कि टूरिट्स को भी देश से बाहर तब जाने दिया जा रहा था जब वो वापस अपने देश जा रहे थे. जुलाई में टोंगा ने अपने देश के नागरिकों को फिजी से बुलाने के लिए फ्लाइट शुरू की, जिसमें सिर्फ 60 लोग अलाउड थे. इन्हें होटल में क्वारेंटाइन किया जाता था और उस होटल के पास के रास्ते भी सील कर दिए गए थे।also read : पड़ोसी ने युवती को घर बुलाया, फिर नशीला खाना खिलाकर किया दुष्कर्म, गिरफ्तारपलाउ (Palau): इस देश में बाहर से आए एक शख्स में कोरोना के लक्षण दिखे थे लेकिन उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. इस देश में बीते साल से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है ना ही किसी की मौत ही हुई है. देश ने काफी अच्छे से कोरोना से लड़ाई लड़ी।