दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में ‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी फिर से वहीं लौट गए, जहां से जिंदगी की गाड़ी शुरू हुई थी। पिछले साल कोरोना काल में सुर्खियां बटोरने वाले बाबा के सुख भरे दिन खत्म हो गए। उन्होंने फिर से अपने पुराने ढाबे पर लौट गए हैं।
उन्होंने कहा कि पांच लाख रुपये की लागत से रेस्टोरेंट खोला था, लेकिन कमाई लागत से भी कम हो रही थी। मजबूरी में उसे बंद करना पड़ा। जिसके बाद हम फिर से यहीं लौट गए।