गरियाबंद – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरूवार को जिले में 357 करोड़ 23 लाख रूपये लागत के 516 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन विडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से किया। इन कार्यो में 176 करोड़ 94 लाख रूपये लागत के 211 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं 180 करोड़ 29 लाख रूपये के 305 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। रायपुर निवास कार्यालय में कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण, गृह, जेल धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन मंत्री एवं गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मो. अकबर, शिक्षा मंत्री
प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया मौजूद थे। गरियाबंद के आॅक्सन हाॅल में आयोजित इस वर्चुअल कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र के सांसद
चुन्नीलाल साहू, विधायक राजिम विधानसभा क्षेत्र अमितेश शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर एवं अध्यक्ष नगर पालिका परिषद गरियाबंद अब्दुल गफ्फार मेमन, जिला पंचायत उपाध्यक्ष
संजय नेताम ,फिंगेश्वर जनपद अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा साहू एवं भावसिंह साहू मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के मुहिम को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि राज्य मंे पिछले 3 दिन में 1265 करोड़ रुपए का लोकार्पण और भूमि पूजन किया गया है।
उन्होंने राज्य की जनता को बधाई देते हुए कहा कि सरकार लोगों के उम्मीदों के अनुरूप कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं शहरी क्षेत्रों में भी जन सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है। सुराजी गांव योजना के तहत श्री बघेल ने कहा की नरवा, गरवा, बाड़ी और गौठानों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की पहल की गई है। उन्होंने बताया कि गरियाबंद में 121 गौठान का कार्य पूर्ण हो चुका है। श्री बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव में कुपोषण को रोकने,रोजगार बढ़ाने, महिला सशक्तिकरण, कम्युनिटी फार्मिंग और विभिन्न आयजनित गतिविधियों को इस योजना के माध्यम से भी किया जा रहा है। इससे महिलाओं में एक आत्मविश्वास दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी उत्पादन का कार्य जारी रहा।
श्री बघेल ने यह भी कहा कि पहले नमक और तेल का भी खर्च निकलना मुश्किल था लेकिन अब 52 प्रकार के वनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। महिला समूह वनोपज का प्रसंस्करण कर रही है, सीताफल का आइसक्रीम बना रही है और काजू का भी मूल्य संवर्धन किया जा रहा है जो कि सराहनीय है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 4000 रुपये कर दिया गया है। अब वंचित लोगों को वन पट्टा दिया जा रहा है और वास्तविक लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में अनेक योजनाओं के माध्यम से विकास ने गति पकड़ी है। श्री बघेल ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना को भी किसानों के आमदनी में इजाफा करने वाला योजना बताया। उन्होंने कहा कि गांव के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचे इसलिए एंबुलेंस क्लिनिक, हाट बाजार योजना लागू किया गया। श्री बघेल ने इस अवसर पर जिले की जनता को बधाई दी है। जिले के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया गया है। उनके कुशल निर्देश पर गंभीरता से कार्य किया गया जिससे स्थिति सामान्य होने लगी है। उन्होंने गरियाबंद जिला अस्पताल भवन के लिए राशि तथा शासकीय नर्सिंग कॉलेज की आवश्यकता और कोटरी नाला जलाशय के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री से राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि जिले को डीएमएफ मद से ढाई करोड़ रुपए की आवश्यकता है जिससे और विकास कार्य किया जा सके। उन्होंने ईश्रेणी पंजीयन के संबंध में ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रविंद्र चैबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा जिन कार्यो का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया ,उनमें जल संसाधन विभाग के 03 कार्य, लोक निर्माण विभाग (भ/स) के 13 कार्य, लोक निर्माण विभाग (सेतु) के 05 कार्य छ.ग. गृह निर्माण मंडल के 01 कार्य, ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण संभाग के 02 कार्य, नगर पालिका परिषद गरियाबंद के 01 कार्य, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के 10 कार्य एवं जिला पंचायत (मनरेगा) के 176 लोकार्पित कार्य शामिल है। वहीं भूमिपूजन कार्य में परियोजना क्रियान्वयन इकाई (प्र.मं.ग्रा.स.यो.) के 25 कार्य, लोक निर्माण विभाग सेतु के 01 कार्य, जल संसाधन विभाग के 02 कार्य, लोक निर्माण विभाग (भवन/सड़क) के 19 कार्य, स्वास्थ्य विभाग के 10 कार्य, छ.ग. गृह निर्माण मंडल के 02 कार्य, जिला पंचायत (मनरेगा) के 30 कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के 216 कार्य शामिल है।
इस अवसर पर गरियाबंद। कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि गरियाबंद जिले में मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप किसानों के कर्जमाफी के तौर पर 46290 किसानों को राशि रूपये 152 करोड़ की ऋण माफी की गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत कुल 14215 कुपोषित बच्चों में से 5173 बच्चों को सुपोषित किया गया तथा शेष 9042 बच्चों को आगामी 6 माह में सुपोषित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना काल में भी ग्रामीण परिवारों को सतत रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रत्येक पंचायत में 5-5 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिससे ग्रामीणों में रोजगार एवं मजदूरी भुगतान का कार्य निरंतर प्रगतिरत है। जिले के पांचों विकासखंड मुख्यालयों पर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल का निर्माण एवं प्रवेश की प्रकिया प्रगतिरत है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन योजना के अंतर्गत कुल 54.85 करोड़ के कार्यो से 128 ग्रामों के कुल 35500 परिवार लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष श्री अब्दुल गफ्फार मेमन और जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री बी.आर. पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री जे.आर.चौरसिया एवं विभिन्न विभाग के अधिकारी एवं हितग्राही मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हितग्राहियों से की सीधी चर्चा
महिला समूहों ने कहा गौठान से आय अर्जित किया
किसानों ने कहा धान बोनस से रोटावेटर खरीदा
छात्रा सिमरन ने कहा अब गरीब बच्चे भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ेंगे
गरियाबंद 10 जून 2021/ मुख्यमंत्री ने विकास कार्यो के लोकार्पण और भूमिपूजन के अवसर पर विडियो काॅन्फ्रसिंग से जिले के विभिन्न हितग्राहियों से सीधी चर्चा की और विकासीय योजनाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गुलाब महिला समूह ग्राम सढ़ौली के श्रीमती सुरेखा बाई से बात करते हुए खुशी जताया कि उनके द्वारा गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है और अभी तक 5 हजार रूपये प्रतिमाह की आय सभी सदस्यों को हो जाती है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मशरूम का उत्पादन भी किया जा रहा है, जिसमें आजीविका में वृद्धि हुई है। अभी तक उनके द्वारा 21 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बेचा गया है। मुख्यमंत्री ने इसे सुपर कम्पोस्ट खाद बनाने का सुझाव दिया।
गोधन न्याय योजना अंतर्गत ग्राम अतरमरा के किसान ओंकार सिन्हा ने बताया कि वे 38 हजार 684 रूपये का गोबर बेचकर लाभ कमा चुके है। उन्होंने बताया कि दूध से ज्यादा गोबर बेचने में आमदनी हो रही है। जिससे उन्होंने अपने मवेशियों के लिए पैरा कुट्टी मशीन भी खरीद ली है। मुख्यमंत्री ने श्री सिन्हा को बधाई दी है।
इसी तरह ग्राम नागझर के श्रीमती भारती गोस्वामी ने बताया कि उनके द्वारा भी 85 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार किया गया है, जिसमें 27 क्विंटल का विक्रय हो चुका है, जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि गांव में अन्य 9 समूह गौठान से जुड़कर आमदनी अर्जित कर रही है।
ग्राम पोटिया निवासी झुमुक लाल ने बताया कि उन्हें किसान न्याय योजना अंतर्गत पिछले वर्ष 55 हजार रूपये की राशि मिली थी। इस वर्ष भी उन्हें प्रथम किस्त प्राप्त हो गया है। उन्होंने बताया कि इस राशि से रोटावेटर खरीद लिया है, जिससे उनकी खेती किसानी में प्रगति आयेगी।
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश पा चुकी कुमारी सिमरन ध्रुव ने अंग्रेजी में बात करते हुए मुख्यमंत्री को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अब गांव के गरीब बच्चे भी अंग्रजी माध्यम में पढ़ सकेगे। उन्होंने इन स्कूलों में मैदान, पुस्तकालय, कम्प्यूटर जैसी सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।
भूतेश्वरनाथ हर्बल स्व सहायता समूह केशोडार की सदस्य सविता सोरी नेबताया कि उनके द्वारा 13 प्रकार के वन औषधी से निर्मित उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दो प्रकार के तेल और 11 प्रकार के चूर्ण का निर्माण समूह द्वारा किया जाकर विक्रय किया जा रहा है। सर्व ज्वरहर चूर्ण को समूह द्वारा मुख्यमंत्री को भेंट करने का अनुभव भी उन्होंने बताया।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत लाभान्वित कृषक उद्धव राम ने विभाग द्वारा संचालित गतिविधि से उन्हें केला उत्पादन 56 हजार रूपये की सब्सिडी मिली है। उनके द्वारा केला, मिर्ची, भाटा, आदि फसल ड्रिप एरिगेशन और मल्चिंग पेपर के माध्यम से उगाया जा रहा है। उन्होंने एक एकड़ जमीन में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत पेड़ लगाने की बात मुख्यमंत्री को बताया।
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मृत्यु उपरांत तुलसा बाई को 4 लाख रूपये सहायता राशि का चेक भी मौके पर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राशि मिलने में विलंब हो जाता था, लेकिन अब हम अतिशीघ्र राशि प्रदान कर रहे है।