रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों सियासत उफान पर है, लेकिन उछाल नजर नहीं आ रहा है। इस सियासी सरगर्मी के बीच दोनों ही पक्षों के चंद मुखर नेताओं के बयान जरुर सामने आ रहे हैं। भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस मौके पर बड़ी बात कह दी है। उनका दावा है कि 17 जून कांग्रेस के लिए कयामत का दिन होगा। पर क्या होने जा रहा है, इस पर उन्होंने मुखरता नहीं दिखाई है। तो दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी इस बात का जवाब देते हुए कहा कि इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस प्रवेश का दौर शुरू हो जाएगा और प्रदेश में भाजपा की जमीन खिसकती चली जाएगी।
छत्तीसगढ़ में 17 जून के बाद क्या होगा ? यह सवाल प्रदेश के मौजूदा सियासी माहौल को गर्माए हुए है। पार्टी के नेताओं के बयान भी ऐसे हैं जो किसी बड़ी सियासी उथल-पुथल की ओर इशारा कर रहे हैं। क्या होगा इसका सस्पेंस बरकरार है। सियासी दिग्गजों के बयान से साफ है कि कुछ तो हो सकता है। शुक्रवार को दल-बदल की स्थिति पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के जो बयान सामने आए वो इशारा हैं इस बात का कि शांत से दिखने वाले इन राजनीतिक दलों में अंदर कुछ तो गड़बड़ जरूर है।
यूपी के बड़े कांग्रेस नेता माने जाने वाले जितिन प्रसाद भाजपा में चले गए। अब क्या प्रदेश में भी कोई बड़ा नेता भाजपा में चला जाएगा ये बहस तेज हो चुकी है। असल में 17 जून को प्रदेश में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे हो रहे हैं, ये चर्चा शुरू से रही है कि प्रदेश का मुखिया ढाई साल बाद बदल सकता है, इसी पॉलिटिकल गॉसिप के चारों तरफ अब दल-बदल की चर्चा तेज है।
बृजमोहन अग्रवाल का इशारा 17 के बाद…
प्रदेश की कांग्रेस सरकार को 17 जून को ढाई साल पूरे हो जाएंगे। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में पूरे देश में भगदड़ मची हुई है, पहले ज्योतीरादित्य भाजपा में आए अब जितिन आए हैं, कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट कभी भी बीजेपी में आ सकते हैं, 17 तारीख के बाद छत्तीसगढ़ में भी बड़ा घटनाक्रम होगा इंतजार करना चाहिए।
दावा- भाजपा के लोग आएंगे कांग्रेस में
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के कई नेता तो हमारे संपर्क में हैं। आज सब वहां उब चुके हैं, प्रदेश की कांग्रेस सरकार और भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही योजना और नीतियों से बहुत से भाजपा नेता प्रभावित हैं। भाजपा के संगठन के बड़े नेता डॉ रमन सिंह से नाराज हैं। अपने आपको बचाने के लिए भाजपा के नेता ऐसे बयान देते हैं। भाजपा के नेताओं को अपनी चिंता करनी चाहिए, प्रदेश में 14 सीट में सिमट गए। बंगाल में उनके हर बड़े नेता ने प्रचार किया 200 का टारगेट था 100 सीट भी नहीं जीत सके।