रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बीजापुर और सुकमा जिले के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों के साथ वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी लोगों के साथ सार्थक चर्चा हुई। सभी लोग क्षेत्र में शांति, विकास और न्याय चाहते हैं। श्री बघेल ने सिलगेर की घटना को दुर्भाग्यजनक बताते हुए इस घटना पर दुःख प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिस्थितिजन्य घटना थी, इस घटना की दण्डाधिकारी जांच की घोषणा की गई है। आप सभी लोग इसमें सहयोग करें। राज्य सरकार भी यह चाहती है कि तथ्य सामने आए और जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कार्रवाई में कोई कोताही नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर जगरगुण्डा में 30 बिस्तरों के अस्पताल की स्वीकृति की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में लाल पानी की समस्या से प्रभावित 10 ग्राम पंचायतों गंगालूर, बुरजी, गोंगला, पुसनार, पीडिया, तोडका, गमपुर, कैका, रेड्डी और पालनार को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए 5 करोड़ रूपए की लागत से वहां सिल्टेशन फिल्ट्रेशन स्ट्रक्चर और सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना की घोषणा की। इस प्लांट की स्थापना से इस क्षेत्र के 6 हजार परिवारों के लगभग 20 हजार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में बीजापुर और सुकमा जिले के विभिन्न ग्रामों में प्राथमिक शाला, आंगनबाड़ी, ग्राम पंचायत भवनों, उचित मूल्य की दुकानों, देवगुड़ी निर्माण, सोलर ड्यूल पम्प स्थापना, सीसी रोड निर्माण, हैण्ड पम्प स्थापना के लगभग 43 करोड़ 08 लाख रूपए की लागत के 104 कार्याें की स्वीकृति प्रदान करते हुए कार्यक्रम में ही इन कार्याें का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि गांवों में ग्राम विकास समिति का गठन किया जाए, जिसमें पढ़े लिखे युवाओं को शामिल किया जाए। विशेष परिस्थितियों में जहां सरपंच नहीं रहते हैं, वहां इस समिति को निर्माण कार्य सौंपे जाएंगे। उन्होंने सभी समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों से अपील की कि जिस भूमि पर मूल निवासी काबिज हैं, उनका नक्शा तैयार करा कर वन अधिकार मान्यता अधिनियम के तहत काबिज जमीन का पट्टा दिलाने की पहल की जाए। उन्होंने ग्रामीणों के आग्रह पर उन्हें रायपुर आकर उनसे मिलने के लिए आमंत्रित किया।
वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने सुकमा जिले में 11 करोड़ 2 लाख रूपए की लागत के 16 कार्याें की स्वीकृत करने के साथ इनका भूमिपूजन भी किया। इन कार्याें में एक करोड़ 65 लाख रूपए की लागत से सिलगेर ग्राम में विद्युत लाईन विस्तार, 2 करोड़ 35 लाख रूपए की लागत से ग्राम उरसांगल में 100 सीटर आश्रम भवन का निर्माण, एक करोड़ 78 लाख रूपए की लागत से सिलगेर में 50 सीटर आश्रम भवन का निर्माण, 20 लाख रूपए की लागत से ग्राम पंचायत सिलगेर में सर्व आदिवासी समाज के सामाजिक भवन, एक करोड़ 62 लाख रूपए की लागत से ग्राम सिलगेर-टेकलगुड़ा-पूवर्ती तक 9 किलोमीटर डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण, 72 लाख रूपए की लागत से चिमलीपेंटा-सिंगाराम-जगरगुण्डा तक 4 किलोमीटर डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण, 90 लाख रूपए की लागत से ग्राम कुन्देड़ से उरसांगल तक 5 किलोमीटर, डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण, एक करोड़ 26 लाख रूपए की लागत से गोंदपल्ली से दरनदरभा तक 7 किलोमीटर डब्ल्यूबीएम सड़क, 10 लाख रूपए से ग्राम पंचायत पेंटाचिल्ली में सार्वभौमिक पीडीएस भवन निर्माण, 10 लाख रूपए की लागत से ग्राम पंचायत कुन्देड़ में सार्वभौमिक पीडीएस भवन निर्माण, 5 लाख रूपए की लागत से ग्राम पंचायत सिलगेर, कुन्देड़, पेंटाचिल्ली में देवगुड़ी निर्माण, ग्राम पंचायत कुन्देड़, ग्राम उरसांगल और सिलगेर में 6 लाख 45 हजार रूपए की लागत से आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले में 27 करोड़ 6 लाख रूपए की लागत के 87 कार्याें की स्वीकृति दी और भूमिपूजन किया। इन कार्याें में उसूर क्षेत्र में 15 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत के कार्यों, तर्रेम में 2 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत के कार्यों, चिपुरभट्टी में 83 लाख 71 हजार रूपए की लागत के कार्यों, कोरसागुड़ा में 67 लाख 71 हजार रूपए की लागत के कार्यों, मलेपल्ली में 52 लाख 13 हजार रूपए की लागत के कार्यों, लिंगागिरी में एक करोड़ 22 लाख 93 हजार रूपए की लागत के कार्यों, फुतकेल में 75 लाख 76 हजार रूपए की लागत के कार्यों, बासागुड़ा में एक करोड़ 21 लाख रूपए की लागत के कार्यों, पुसबाका में 11 लाख 68 हजार रूपए की लागत के कार्यों, चिन्नागेल्लूर में 17 लाख 36 हजार रूपए की लागत के कार्यों, कोण्डापल्ली में 8 लाख 68 हजार रूपए की लागत के कार्यों, गगनपल्ली में 18 लाख 86 हजार रूपए की लागत के कार्यों, नम्बी में 13 लाख 82 हजार रूपए की लागत के कार्याें की स्वीकृति देने के साथ उनका भूमिपूजन भी किया। श्री बघेल ने क्षेत्र में अधोसंरचना, आजीविका संवर्धन एवं पेयजल से संबंधित 3 करोड़ 60 लाख 60 हजार रूपए की लागत के कार्याें की स्वीकृति देने के साथ उनका भूमिपूजन किया। इन कार्यों में तर्रेम क्षेत्र में सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप खनन कार्य, बाजार शेड निर्माण, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, सोलर स्ट्रीट लाईट 2 किलो मीटर देवगुड़ी का निर्माण प्राथमिक शाला भवन, जल जीवन मिशन अंतर्गत नल जल योजना, इसके अतिरिक्त चिकुरभटटी में सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप पंचयात भवन, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, देवगुड़ी कोरसागुड़ में सोलर ड्यूल पंप, साकरेगुडा में सोेलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, राशन दुकान राजपेटा में देवगुड़ी निर्माण, मल्लेपल्ली पंचायत अंतर्गत सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप, राशन दुकान, पंचायत भवन देवगुड़ी निर्माण लिगांगिरी पंचायत में सोलर ड्यूल पंप हैण्ड पंप उपस्वाथ्य केंन्द राशन दुकान पंचायत भवन देवगुड़ी निर्माण धरमापुर में हैण्ड पंप सुरनार, बडे सुकनपल्ली, ग्राम पंचायत पुतकेल से सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप आंगनबाड़ी राशन दुकान, पंचायत भवन देवगुड़ी निर्माण बासागुड़ा पंचायत में सोलर ड्यूल पंप हैण्ड पंप बाजार शेड, देवगुड़ी, पंचायत भवन नल जल योजना पुसबाका मंे सोेलर ड्यूल पंप एवं हैण्ड पंप, चिन्नागेलूर में सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप, कोण्डापल्ली में सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप, गगनपल्ली में सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप, नम्बी सोलर ड्यूल पंप, हैण्ड पंप एवं विभिन्न पंचायतों में आजीविका संवर्धन एवं पेय जल कार्य स्वीकृत किया। उसूर क्षेत्र अंतर्गत तर्रेम में सड़क निर्माण कार्य आउटपल्ली एवं तक रेंगापरा तक, तर्रेम में सीसी रोड, 100 सीटर कन्या, बालक छात्रवास निर्माण सड़क निर्माण सीआरपी एफ कैंप से सारकेगुड़ा तक आंतरिक विद्युतिकरण कार्य, सोलर लाईट व्यवस्था सुरना बड़े सुकनपल्ली छोटे सुकनपल्ली, लिंगागिरी में विद्युत लाईन विस्तार, सी.सी. रोड निर्माण कार्य लिंगागिरी, आंतरिक विद्युतिकरण कार्य शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा उपस्थित थे। बस्तर सांसद दीपक बैज, विधायक विक्रम मण्डावी, सर्व आदिवासी समाज के पोज्जा मरकाम, धुरवा समाज के राजूराम नाग, कोया समाज के वेको हुंगा, सोनी सोरी, मानव अधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, सोड़ी हिड़मा सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कार्यक्रम में जुड़े।