नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी ने खुले और लोकतांत्रिक समाजों को एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक समाजों को अपने मूल्य की रक्षा करने और बढ़ती चुनौतियों का जवाब देने के लिए एक-दूसरे के हाथों को मजबूत करने की जरूरत पर बात की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि G-7 सम्मेलन में पीएम मोदी का जोर स्वास्थ्य, कोविड-19 वैक्सीन पर रहा। यही नहीं पीएम ने अपने संबोधन में पर्यावरण चुनौतियां, खुली अर्थव्यवस्था पर भी जोर दिया।
विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (आर्थिक संबंध) पी हरीश ने बताया कि पीएम मोदी ने कोविड संक्रमितों के इलाज से संबंधित टेक्नोलॉजी के लिए डब्ल्यूटीओ में ट्रिप्स छूट (TRIPS Waiver) के लिए व्यापक समर्थन की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरिस एग्रीमेंट के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर भारत एकलौता G-20 देश है। यही नहीं पीएम मोदी ने विश्व व्यापार संगठन में TRIPS छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव के लिए जी-7 देशों का मजबूत समर्थन मांगा। पीएम मोदी की बात का राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने जोरदार समर्थन किया।
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पी हरीश ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी ट्रिप्स छूट के लिए मजबूत समर्थन जताया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक दौर में ले जाने के लिए वैक्सीन उत्पादन को दोगुना करके पूरी वैश्विक आबादी का टीकाकरण करने का रोडमैप बनाने पर भी चर्चा हुई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी अफ्रीका में उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने भारत से वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी विशेषज्ञता देने की अपील की। पीएम मोदी ने जी-7 समिट में वर्चुअली शिरकत की। इस मौके पर यूके ने बताया कि सम्मेलन में पीएम मोदी का व्यक्तिगत रूप से स्वागत नहीं कर पाने पर पीएम बोरिस जॉनसन निराश थे।
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उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोरोना से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए एक धरती, एक स्वास्थ्य के नजरिए को अपनाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए पेटेंट छोड़ने को लेकर जी-7 के देशों के समर्थन की गुजारिश की। यही नहीं महामारी को रोकने के लिए वैश्विक एकजुटता की अपील करते हुए उन्होंने तालमेल का आह्वान किया। साथ ही लोकतांत्रिक समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार को लेकर सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की बात कही। पीएम मोदी ने कहा- मानवता के लिए हमारा संदेश एक धरती, एक स्वास्थ्य का है।
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