नेशनल सिक्यॉरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी NSDL की तरफ से गौतम अडाणी को 43500 करोड़ का झटका लगा है. दरअसल एनएसडीएल ने तीन विदेशी फंड के अकाउंट को फ्रीज कर दिया है. इनके पास अडाणी ग्रुप ऑफ कंपनीज की 43500 करोड़ वैल्यु के शेयर्स है. NSDL ने Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund के अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया है.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्रवाई 31 मई से पहले की गई है. फ्रीज कार्रवाई के बाद ये तीनों फंड ना तो अपने वर्तमान शेयर बेच पाएंगे और ना ही नए शेयर खरीद पाएंगे. माना जा रहा है कि यह कार्रवाई PMLA के तहत की गई है. इन तीनों फंड ने अपने बारे में विशेष जानकारी नहीं शेयर की है. कस्टोडियन बैंक अपने कस्टमर को पहले ऐसे मामलों में वार्निंग देते हैं. चेतावनी के बावजूद क्लाइंट अगर नियमों की अनदेखी करता है तो उसके अकाउंट फ्रीज कर दिए जाते हैं.
तीन कंपनियों का एक पता, अपनी वेबसाइट किसी की नहीं
बता दें कि तीनों फंड मॉरिशस आधारित हैं और SEBI के साथ रजिस्टर्ड भी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक तीनों कंपनियां के लिए ऐड्रेस सेम है. ऐड्रेस में Port Louis शहर का नाम दर्ज है जो मॉरिशस की राजधानी है. इसके अलावा इन तीनों कंपनियों की कोई वेबसाइट भी नहीं है. बता दें कि मॉरिशस FDI के मामले में आगे रहता है. वित्त वर्ष 2020-21 में मॉरिशस से आने वाला कुल एफडीआई 5.64 अरब डॉलर रहा था. फिलहाल इस खबर को लेकर अडाणी ग्रुप की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
इन चार कंपनियों में किया है निवेश
इन तीनो फंड ने अडाणी ग्रुप की चार कंपनियों में अच्छा-खास निवेश किया है. इनके तीनों के पास मिलाकर अडाणी एंटरप्राइजेज की 6.82 फीसदी हिस्सेदारी, अडाणी ट्रांसमिशन की 8.03 फीसदी हिस्सेदारी, अडाणी टोटल गैस की 5.92 फीसदी हिस्सेदारी और अडाणी ग्रीन 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है. अडाणी ग्रुप की छह कंपनियां बाजार में लिस्टेड हैं. यह छह कंपनियां हैं- अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट एंड SEZ, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी पावर, अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी. अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप पिछले सप्ताह 9.5 लाख करोड़ रुपए था और वे इस समय दुनिया के 14वें और भारत के दूसरे सबसे बड़े रईस हैं.
शेयर प्राइस मैनीपुलेशन की जांच कर रहा SEBI
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि SEBI इस मामले की भी जांच कर रही है कि कहीं अडाणी ग्रुप के शेयर्स को मैनुपुलेट तो नहीं किया जा रहा है. यह जांच पिछले साल शुरू हुई थी जो अब तक जारी है.अडाणी ग्रुप की छह कंपनियों ने पिछले एक साल में 200-1000 पर्सेंट तक रिटर्न दिया है. अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 669 पर्सेंट, अडाणी टोटल गैस 349 पर्सेंट, अडाणी एंटरप्राइजेज 972 पर्सेंट, अडाणी ग्रीन गैस 254 फीसदी, अडाणी पोर्ट 147 फीसदी और अडाणी पावर 295 फीसदी गेन किया है.
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी पर भी सवाल
अडाणी ग्रुप ऑफ कंपनीज में प्रमोटर्सकी हिस्सेदारी भी बाजार में चर्चा का विषय रहा है. अडाणी एंटरप्राइजेज में प्रमोटर की हिस्सेदारी 74.92 फीसदी, अडाई ग्रीन एनर्जी में प्रमोटर की हिस्सेदारी 56.29 फीसदी, अडाणी ट्रांसमिशन में प्रमोटर की हिस्सेदारी 74.92 फीसदी और अडाणी टोटल गैस में प्रमोटर की हिस्सेदारी 74.80 फीसदी है. SEBI के नियम के मुताबिक, किसी भी लिस्टेड कंपनी के लिए प्रमोटर की हिस्सेदारी अधिकतम 75 फीसदी हो सकती है. ऐसे में अडाणी ग्रुप ऑफ कंपनीज में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी सीमा के बिल्कुल नजदीक है.