राजधानी रायपुर के खरोरा में एक किसान ने आत्महत्या कर ली। किसान ने जमीन विवाद में न्याय नहीं मिलने के कारण आत्महत्या की। सुसाइड नोट में खरोरा तहसीलदार जायसवाल, मुहरेगा ग्राम कोटवार सहित दो अन्य लोगों से परेशान होकर आत्महत्या करने का जिक्र है। साथ ही आरोपियों को सजा दिलाने की गुहार भी है। इस घटना ने एक बार फिर सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। अपने आप को ईमानदार बताने वाले राजस्व अमले की कारगुजारी को उजागर किया है।
जानकारी के अनुसार खरोरा तहसील के मुहरेगा गांव में बीते सुबह किसान सरजू यादव ने जहर खा लिया। इसकी सूचना पर खरोरा पुलिस घटना स्थल पहुंची, जहां किसान के पास से सुसाइड नोट मिला। तहसीलदार जायसवाल, ग्राम कोटवार तोरण दास मानिकपुरी, तुलू साहू, भुवन वर्मा के कारण आत्महत्या करने का जिक्र कर इनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार है।
सुसाइड नोट में तहसीलदार पर आरोप
सरजू यादव और कोटवार तोरण मानिकपुरी के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसका प्रकरण तिल्दा में नायब तहसीलदार के कार्यालय में चल रहा था। नायब तहसीलदार के एक तरफ कार्रवाई और सीमांकन में सरजू यादव को नहीं बुलाने से परेशान रहता था। बीते चार दिन पहले कोटवार तोरण मानिकपुरी ने किसान सरजू यादव के खेत में लगे तार घेरा को तोड़ दिया था। नायब तहसीलदार से सहयोग नहीं मिलने व कोटवार को लगातार सहयोग करने से परेशान था। इसी के कारण जब घर के सभी लोग काम में चले गए तब जहर खाकर किसान ने खुदकुशी कर ली।
पुलिस के हाथ में लगे सुसाइड नोट में मृतक ने अपने मौत का जिम्मेदार तहसीलदार जायसवाल, ग्राम कोटवार तोरण मानिकपुरी के साथ भुवन वर्मा, तुलु साहू को बताया है। इस बीच राज्य सभा सांसद छाया वर्मा और धरसींवा विधायक अनिता शर्मा ने किसान सरजू यादव के परिजनों से मुलाकात कर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।