घरेलू महिलाओं के साथ खाद्य तेल से जुड़े काम करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है ।जल्द ही आपको बाजार में कम कीमत में तेल मिलने लगेगा। क्योंकि अब तेल को सस्ता करने का सबसे बड़ा कारण सामने आया है। मौजूदा समय में तेल के दामों में 15 फीसदी कमी आई है और आने वाले दिनों में और भी तेल सस्ता होगा। जिसके बाद खाद्य तेल 40 से 50 रुपये लीटर तक सस्ते होने की चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है।
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अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुताबिक “अमेरिका, मलेशिया और इंडोनेशिया से बड़ी मात्रा में तेल का आयात होता है. लेकिन बीते कुछ वक्त पहले अमेरिका में बायो फ्यूल में 46 फीसद तक रिफाइंड तेल मिलाने की इजाजत दे दी गई है। जबकि पहले 13 फीसद तक मिलाया जाता था। वहीं ईद के चलते मलेशिया और इंडोनेशिया में काम कम होने के कारण प्रोडक्शन पर इसका बड़ा असर पड़ता है।वहीं कुछ देशों में मौसम के चलते फसल भी खराब हुई थी.।भारत में तेल महंगा होने के कई बड़े कारणों में यहीं हैं।
अमेरिका में तेल को लेकर बड़ी बैठक
मंगलवार को अमेरिका में एक बार फिर बायो फ्यूल में दूसरे खाद्य तेल कितने फीसद तक मिलाए जाएं इस पर विचार होगा है और यह भी हो सकता है कि 46 फीसद तक रिफाइंड तेल मिलाने के फैसले को ही वापस ले लिया जाए। वहीं अब मलेशिया और इंडोनेशिया में भी खूब प्रोडक्शन हो रहा है. बीते चार दिन में आई 15 फीसद की छोटी सी मंदी भी इसी का असर है.”
सरसों की बंपर पैदावार,लेकिन मिलावट बरकरार
इसी साल की सरसों की बात करें तो रिकार्ड तोड़ मतलब 86 लाख टन तक उत्पादन हुआ था. मतलब यह उत्पादन बीते साल से बहुत ज्यादा है. फिर भी तेल महंगा होता चला गया.वो इसलिए कि सरसों ज्यादा हो तब भी सरसों तेल सोया और बिनौला रिफाइंड की रेंज में ही रहता है. क्योंकि यदि सरसों तेल मन्दा होता है तो इसका रिफाइन्ड बना कर दूसरे रिफाइन्ड में मिक्सिंग होना शुरू हो जाती है. और अगर सरसों तेल तेज होता है तो सरसों तेल में चावल या कनौला तेल की मिलावट शुरू हो जाती है.”
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