रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजीव भवन में प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस सरकार के ढाई साल की उपलब्धियां गिनाई. जब सीएम मीडिया में मुखातिब हुए और उनसे ढाई साल के विषय पर सवाल पूछा गया. तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह ढाई साल और 17 जून क्या है ? बीजेपी के कैंपेन सवाल तो पूछे जाएंगे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूछने का अधिकार सबको है, लेकिन पूछते हैं कि 1 साल में कितना हुआ, 2 साल में कितना हुआ. लेकिन प्रधानमंत्री से सवाल नहीं करते 5 साल तक उन्होंने कोई रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत नहीं किया, उनसे क्यों नहीं मांगते साहब ?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर को बूथ लेवल तक लेकर जाना है. मोहन मरकाम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. 5 सदस्य बूथ कमेटी बनाने का काम करेगी. सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जवाबदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी सचिव सप्तगिरि, प्रदेश प्रभारी सचिव चंदन यादव और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की उपस्थिति में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था. कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है.
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आरोप लगे हैं, तो जवाब देना चाहिए. 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ की कैसे हो गई.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि निगम मंडल और संगठन में विस्तार को लेकर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से चर्चा की गई है. निगम मंडल और संगठन के कुछ पदों पर जल्द नियुक्ति होगी. कुछ नियुक्तियां बाद में होंगी.
बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ नहीं
बीजेपी की ढाई साल के कैंपेन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके पास बताने के लिए कुछ है ही नहीं, अब सक्रिय रहने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा. दरअसल 12 से 17 जून तक बीजेपी प्रदेश में महाअभियान चला रही है. इस अभियान के जरिए कांग्रेस सरकार के ढाई साल होने पर सवाल पूछे जा रहे हैं.
कांकेर में हाथियों का आंतक
कांकेर जिले में हाथियों के आतंक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हाथी आते पहले रायगढ़ है, फिर सरगुजा की तरफ बढ़े और वह हाथी नीचे उतरते हुए बार नवापारा से होकर दुधावा नदी के पास होते हुए कांकेर जिले में प्रवेश किए हैं. पुराना उनका जो रूट रहा है, उससे गुजरते रहे हैं. वन विभाग निगरानी रख रहा है.